देहरादून:चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं में पढ़ने वाले उत्तराखंड राज्य के स्टूडेंट्स ने रिसर्च, इनोवेशन, स्पोर्ट्स और कैंपस प्लेसमेंट के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन किया है। बैच 2022 छात्रों की कैंपस प्लेसमेंट के दौरान गूगल, डेल टेक्नोलॉजी, विप्रो, कोग्निजेंट और एमेजॉन कई मल्टीनेशनल कंपनियों ने यूनिवर्सिटी के 7500 से ज्यादा छात्रों को नौकरी दी है, जिनमें से 240 विद्यार्थी उत्तराखंड राज्य के हैं। यह जानकारी चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रो. चांसलर डॉ. आरएस बावा ने देहरादून में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों के साथ साझा की। डॉ. आरएस बावा ने कहा कि चंडीगढ़ यूनवर्सिटी ने कोविड-19 के बावजूद, पिछले 2 साल अपने प्लेसमेंट रिकॉर्ड को बरकरार रखने में सफलता हासिल की है तथा बैच 2021 और 2022 के विद्यार्थियों को तकरीबन 1300 टॉप मल्टीनेशनल कंपनियों ने 15000 से
अधिक प्लेसमेंट ऑफर दिए हैं। इस अवसर पर वह चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं के साल 2022 के लिए राष्ट्र स्तरीय एंट्रेस एग्जाम/ स्कॉलरशिप स्कीम सीयूसीईटी-2022 को लाँच करने के लिए देहरादून पहुंचे थे, जिसके तहत विद्यार्थियों को 45 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप प्रदान की जाएगी। कैंपस प्लेसमेंट में छात्रों के प्रदर्शन के बारे में बात करते हुए डॉ. बावा ने बताया कि बैच 2022 की कैंपस प्लेसमेंट के दौरान 500 से ज्यादा मल्टीनेशनल कंपनियों ने 7500 से ज्यादा छात्रों को नौकरी की पेशकश की है, जिनमें से 38 प्रतिशत संख्या लड़कियों की हैं। बैच 2022 में पासआउट हो रहे छात्रों को अधिकतम 52.11 लाख रूपए के वार्षिक पैकेज पर टॉप मल्टीनेशनल कंपनियों ने प्लेसमेंट ऑफर दिए हैं।
उन्होंने बताया कि कैंपस प्लेसमेंट में नौकरी पाने वाले छात्रों में 240 छात्र उत्तराखंड के हैं, जिनमें से 49 स्टूडेंट्स को मल्टीपल प्लेसमेंट ऑफर मिले हैं। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड की 83 लड़कियों ने डेलोयट, हिटाची और कैपजेमिनी जैसी विभिन्न कंपनियों में नौकरी हासिल की है, वहीं देहरादून के 28 विद्यार्थियों को प्लेसमेंट ऑफर लेटर मिले हैं। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी में आईबीएम क्लाउड कम्प्यूटिंग के तहत पढ़ रहे देहरादून के जतिन दुआ को 5 कंपनियों ने प्लेसमेंट ऑफर दिए हैं, जिनमें किंड्रल ग्लोबल टेक्नोलॉजी, केपीएमजी, कैपजेमिनी, हाई-रेडियस टेक्नोलॉजी और एलएंडटी टेक्नोलॉजी शामिल हैं। वहीं यूनिवर्सिटी में आईबीएम आईओटी स्टूडेंट संदीपन कुमार को एक्सेंचर, कैपजेमिनी और हेग्जावेयर ने प्लेसमेंट ऑफर दिए हैं। इसके अलावा उन्होंने बताया कि देहरादून से यूनिवर्सिटी में कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के स्टूडेंट मोहित सिंह राणा को 3 कंपनियों, एक्सेंचर, कैपजेमिनी और हिटाची ने नौकरी की पेशकश की है, वहीं देहरादून से यूनिवर्सिटी में सीएसई स्टूडेंट यशपाल को एक्सेंचर, कोग्निजेंट और विप्रो से
प्लेसमेंट ऑफर दिए हैं।
डॉ. बावा ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के 900 से ज्यादा विद्यार्थी चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं, जिन्होंने प्लेसमेंट, खेल से लेकर रिसर्च तक हर क्षेत्र में शानदार उपलब्धियां अपने नाम की हैं। उन्होंने कहा कि अब तक यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों और फैकल्टी द्वारा फाइल किए गए 1300 पेटेंट में से 21 पेटेंट उत्तराखंड के होनहार विद्यार्थियों द्वारा फाइल किए गए हैं, जिनमें से 8 पेटेंट उत्तराखंड की लड़कियों ने दर्ज किए हैं। डॉ. बावा ने कहा कि छात्रों को रिसर्च और इनोवेशन के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए साल 2022 के लिए 12 करोड़ रुपए का विशेष बजट प्रस्तावित किया गया है। रिसर्च और इनोवेशन में यूनिवर्सिटी की प्रतिबद्धता और प्रदर्शन के बारे में बात करते हुए डॉ. बावा ने बताया कि चंडीगढ यूनिवर्सिटी उत्तर भारत की पहली यूनिवर्सिटी बनने जा रही है, जो अपनी स्वयं की विकसित नैनो- सैटेलाइट-सीयूसैट को डिजाइन और लॉन्च करेगी। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी की सीयूसैट सैटेलाइट प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 75वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर अंतरिक्ष में लॉन्च किए जाने वाले 75 छात्र-निर्मित उपग्रहों में से एक होगी।
उन्होंने कहा कि ” यूनिवर्सिटी की नैनोसैटेलाइट-सीयूसैट की लाँचिंग कई मायनों में देश के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, सीयूसैट का लाँच देश के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम साबित होगा, क्योंकि यह मौसम पूर्वानुमान, प्राकृतिक आपदा पूर्वानुमान संबंधी डाटा एकत्रित करेगी, जो कि विविध भौगोलिक प्रवृत्ति और संरचना वाले उत्तराखंड जैसे विभिन्न राज्यों के लिए एक वरदान साबित होगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, सीयूसैट अन्य क्षेत्रों जैसे सीमा घुसपैठ का पता लगाने और कृषि आदि में अत्यधिक योगदान देगा। डॉ. बावा ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी में रिसर्च के लिए कल्पना चावला स्पेस सेंटर का उद्घाटन किया गया, जो सीयूसैट के लिए एक ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि स्पेस सेंटर को 3.50 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है तथा कैंपस में स्थापित ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन उन देशों में सैटेलाइट रिसर्च सुविधाओं को विकसित करने और सैटेलाइट लाँच करने में मदद करेगा, जिनके पास विकसित सैटेलाइट टेक्नोलॉजी नहीं है। डॉ. बावा ने कहा कि किसी भी देश की प्रगति युवा उद्यमियों पर निर्भर करती है और इसलिए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी छात्रों को नए व्यवसाय शुरू करने के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में सेवाएं दे रही है, ताकि छात्र स्वरोजगार अपनाकर आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी द्वारा शुरू किए गए कुल 114 स्टार्टअप में से 9 स्टार्टअप उत्तराखंड के छात्रों द्वारा शुरू किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के इन्स्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज (यूआईएएस) द्वारा फार्मिंग तकनीकों का अभ्यास करने के लिए कृषि और खाद्य प्रौद्योगिकी के छात्रों के लिए यूनिवर्सिटी कैंपस में एक बड़ा अत्याधुनिक पॉलीहाउस स्थापित किया गया है, वहीं यूनिवर्सिटी में 30 से ज्यादा अत्याधुनिक रिसर्च सेंटर, इंडस्ट्री कॉलेबोरेशन के तहत 20 प्रयोगशालाएं, 60 से अधिक रिसर्च ग्रुप्स और 800 से ज्यादा रिसर्च स्कॉलर हैं, जो विभिन्न समस्याओं के नवीन समाधान प्रस्तुत कर रहे हैं। खेल के क्षेत्र में उत्तराखंड के छात्रों की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए, डॉ. बावा ने बताया कि यूनिवर्सिटी के युवा खिलाडि़यों ने राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर और ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी खेलों में उच्च आयाम स्थापित करते हुए 46 गोल्ड, 38 सिल्वर और 49 ब्राँज मेडल सहित कुल 133 मेडल यूनिवर्सिटी के नाम किए हैं, जिनमें से उत्तराखंड की लड़कियों द्वारा हासिल 15 मेडल सहित कुल 23 मेडल उत्तराखंड के होनहार खिलाडि़यों ने हासिल किए हैं। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी के खिलाडि़यों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 9 मेडल, राष्ट्रीय स्तर पर 25 मेडल, ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी स्तर पर 93 और खेलो इंडिया गेम्ज में 6 मेडल प्राप्त कर वैश्विक स्तर यूनिवर्सिटी को गौरवान्वित किया है। डॉ. बावा ने कहा कि खेलों में छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी खिलाडि़यों को 100 प्रतिशत अकादमिक स्कॉलरशिप मुहैया करवाने के साथ मुफ्त आवास, भोजन और डाइट की सुविधा प्रदान कर रही है।
इस दौरान डॉ. बावा ने देहरादून में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की 45 करोड़ रुपए की नेशनल लेवल प्रवेश परीक्षा और छात्रवृत्ति योजना ‘ सीयूसीईटी-2022 ‘ के ऑनलाइन पोर्टल को लाँच किया। उन्होंने कहा कि यूनविर्सिटी की स्थापना से अब तक 63 हजार छात्र-छात्राओं ने उक्त छात्रवृत्ति योजना का लाभ उठाया है, जबकि पिछले वर्ष सीयूसीईटी स्कीम के तहत 13 हजार से अधिक छात्रों ने विभिन्न कोर्सों में स्कॉलरशिप से लाभान्वित हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग, एमबीए, लॉ, फार्मेसी और एग्रीकल्चर कोर्सों में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों के लिए यह परीक्षा देना अनिवार्य होगा तथा देशभर के विद्यार्थी https://cucet.cuchd.in/ की वेबसाइट पर परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं या फिर विभिन्न राज्यों में स्थापित यूनिवर्सिटी के क्षेत्रीय केंद्रो पर ऑफलाइन आवेदन फॉर्म और संबंधित जानकारी हासिल कर सकते हैं। डॉ. बावा ने कहा कि “अपनी स्थापना के बहुत कम समय में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने भारत के टॉप उच्च शिक्षण संस्थानों में जगह बनाई है। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी भारत की सबसे यंगेस्ट यूनिवर्सिटी और पंजाब की पहली प्राइवेट यूनिवर्सिटी है, जो नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिटिशन कॉउन्सिल से नैक A+ ग्रेड हासिल करने के पश्चात देशभर के टॉप 5 प्रतिशत विश्वविद्यालयों में शुमार है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी को क्यूएस आईगेज़ रैंकिंग में 7 डायमंड रेटिंग मिली है, जो यूनिवर्सिटी की उच्च अकादमिक शिक्षा पद्धति को प्रमाणित करती है। इसके अलावा हाल ही में जारी क्यूएस एशिया रैंकिंग-2022 में शानदार प्रदर्शन के साथ चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी न केवल भारत बल्कि, एशिया की पहली सबसे यंगेस्ट यूनिवर्सिटी बन गई है, जिसने अपने पहले प्रयास में ही इस रैंकिंग में जगह बनाई है।