एनएसयूआई ने कैंडल मार्च निकाल जताया विरोध

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देहरादून। नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया एनएसयूआई द्वारा कैंडल मार्च निकाला गया जो कि कांग्रेस भवन से घंटाघर होते हुए गांधी पार्क पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी ने कहा है कि मणिपुर में आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने व उनके साथ दुष्कर्म करने के हृदय विदारक वीडियो ने पूरे देश की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है। यह बात और भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस कांड के लिए जिम्मेदारी तय करने की जगह मोदी सरकार ने गैर-भाजपा शासित राज्यों में यौन अपराधों का मुद्दा उठाकर दूसरों पर प्रत्यारोप करने की कुटिल नीति इस्तेमाल की है। इस पूरी रणनीति की मंशा पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने की जगह इस मामले से ध्यान हटाकर प्रधानमंत्री और सरकार की छवि बचाने तक सीमित है।

भाजपा ने मणिपुर की घटना की तुलना अन्य गैर-भाजपाई शासित राज्यों में यौन अपराध की घटनाओं से की है; हमें यह जरूर स्वीकार करना होगा कि ऐसी घटनाएँ चाहे कहीं भी हों, उनका कारण हमारे समाज में व्याप्त पितृसत्तावादी मानसिकता है। हमें इस सामाजिक बुराई को जड़ से उखाड़ने हेतु लगातार लड़ाई लड़ते रहनी होगी। लेकिन यह देखकर बहुत क्षोभ होता है कि जम्मू में नन्ही बच्ची आसिफ़ा के बलात्कारियों से लेकर उत्तर प्रदेश के भाजपा नेता कुलदीप सेंगर और हाल ही में देश का नाम रौशन करने वाले पहलवानों के द्वारा यौन शोषण के आरोपों से घिरे सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह का पूरी बेशर्मी से बचाव किया गया है। हर एक मौके पर भाजपा ने ऐसे दुराचारियों को सुरक्षा कवच मुहैया करवाया है। हाल ही में जोधपुर विश्वविद्यालय की घटना प्रकाश में आई है जहां एबीवीपी के तीन नेताओं पर एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने का आरोप है। भारतीय जनता पार्टी में नीचे से ऊपर के स्तर तक ऐसी घटनाएँ इस पार्टी का घिनौना महिला विरोधी चरित्र उजागर करती हैं। यदि भाजपा ने जोधपुर जैसी घटनाओं पर त्वरित कार्यवाही की होती तो उनका “बेटी बचाओ” का नारा इतना थोथा न होता।

हमारा संगठन नैशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया बराबरी और न्याय के सिद्धांतों के प्रति कटिबद्ध है और हम देशभर के छात्र समुदाय को यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि आने वाले दिनों में हम देश की युवा नारी शक्ति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर यौन शोषण, यौन हिंसा और जेन्डर आधारित भेदभाव जैसी जघन्य कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष करेंगे ताकि पूरे भारत में महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और न्यायपूर्ण वातावरण बन सके। कैंडल मार्च में मुख्य रूप से उत्तराखंड कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी,विनोद चौहान, प्रवक्ता सुनीता प्रकाश,पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा अनिल नेगी पार्षद अर्जुन सोनकर,गगन चाचर, अजय रावत, प्रकाश नेगीं, अरुण टमटा, अंजलि चमोली, राहुल जग्गी, अनंत सैनी, शालिनी भंडारी, शाक्षम यादव, मुकेश बसेरा, चिरजोत कौर, आदि शामिल रहे।