देहरादून। राज्य में छात्रसंघ चुनाव 24 दिसंबर को होंगे। कुमाऊं विवि, अल्मोड़ा विवि अन्य विवि के कुलपतियों की कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। कुलसचिव दिनेश चंद्रा ने बताया कि आंदोलन कर रहे छात्रों को यह जानकारी दी गई है।
कुमाऊं विवि डीएसबी परिसर के अलावा सम्बद्ध कॉलेजों में एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी, पीजी कॉलेज रामनगर, इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला महाविद्यालय हल्द्वानी, डॉ पूर्णानन्द तिवारी राजकीय महाविद्यालय दोषपानी, राजकीय महाविद्यालय कोटाबाग, लाल बहादुर शास्त्री कॉलेज हल्दूचौड़, राजकीय महाविद्यालय बेतालघाट, राजकीय महाविद्यालय पटलोट, ओखलकांडा, राजकीय पीजी कॉलेज मालधनचौड़ रामनगर, राधेहरी राजकीय पीजी कॉलेज काशीपुर, पीजी कॉलेज खटीमा, राजकीय महाविद्यालय बाजपुर, राजकीय महाविद्यालय सितारगंज, राजकीय महाविद्यालय जसपुर, राजकीय महाविद्यालय किच्छा के साथ ही हल्द्वानी शहर गौलापार, रामगढ़, गदरपुर व नानकमत्ता शामिल हैं।
इसी साल खुले तीन नए महाविद्यालय रामगढ़, गदरपुर, नानकमत्ता व हल्द्वानी गौलापार में कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं, स्नातक फाइनल क्लास नहीं होने की वजह चुनाव नहीं होंगे। अल्मोड़ा विवि के अल्मोड़ा परिसर, बागेश्वर परिसर व पिथौरागढ़ परिसर के समेत 33 कॉलेज हैं।
एमबीपीजी कालेज में छात्रसंघ चुनाव को लेकर छात्र नेताओं ने खूब हंगामा काटा। इस दौरान चुनाव तिथि का लिखित आदेश जारी करने की मांग को लेकर कुछ छात्रनेता प्राचार्य कक्ष की ऊपरी मंजिल पर चढ़कर पेट्रोल की बोतल से आत्मदाह की चेतावनी देने लगे।
करीब डेढ़ घंटे तक हंगामे के बीच कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलसचिव दिनेश चंद्र की ओर से आगामी 24 दिसंबर को छात्रसंघ चुनाव कराने का आदेश जारी कर दिया गया, जिस पर छात्र नीचे उतरे। बुधवार को छात्र नेताओं ने चुनाव की मांग के बावजूद तिथि को लेकर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए जूलूस निकाला।
इसके बाद प्राचार्य कक्ष की छत पर चढ़कर उच्च शिक्षा मंत्री के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। तभी छत पर चढ़े छात्र नेता गौरव संभल ने चुनाव तिथि का लिखित आदेश जारी करने की मांग को लेकर पेट्रोल की बोतल से आत्महत्या करने की धमकी दे दी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रभारी प्राचार्य महेश कुमार ने पुलिस प्रशासन को मामले की जानकारी दी। जिस पर सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, सीओ सिटी भूपेंद्र सिंह धौनी, एसओ प्रमोद पाठक, नीरज भाकुनी समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और छात्र नेताओं से वार्ता कर समझाने का प्रयास किया।
परंतु छात्र नेता लिखित आदेश जारी करने की मांग पर अड़े रहे। मामला शांत करने के लिए विवि की ओर आदेश जारी किया, जिसे छात्र नेताओं ने फर्जी बताकर फाड़ दिया। जिसके बाद प्रभारी प्राचार्य के समझाने पर छात्र नेता माने और पुलिस के परिसर से बाहर जाने की शर्त पर छत से नीचे उतरे।