देश भर में तम्बाकू के बढ़ते सेवन को देखते हुए युवाओं तथा बच्चों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए बालाजी सेवा संसथान के सहयोग से सलाम मुंबई फाउंडेशन द्वारा बाल पंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बच्चों को तम्बाकू के दुष्परिणाम एवं उस से युवाओं तथा बच्चों को दूर रखने के उपायों पर चर्चा की गयी। साथ ही बच्चों द्वारा इस सम्बन्ध में सम्बंधित अधिकारियों से सवाल जवाब भी किये गए। जिसमें उत्तराखंड की ओर से आशी पाल कक्षा -7 क्लेमेंट टाउन, देहरादून ने प्रतिनिधित्तव किया साथ ही बहुत से बच्चों ने हिस्सा लिया। साथ ही उत्तराखंड से एन टी सी पी की स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर डॉ अर्चना ओझा मौजूद रही। बाल पंचायत का निर्माण ग्राम पंचायत की तर्ज पर किया गया है। गांव में पंचायत की तरह ही स्कूल स्तर पर तम्बाकू मुक्त स्कूल अभियान की समस्याओं के समाधान के लिए बाल पंचायत का गठन किया गया। जिसका उद्देस्य आने वाले पीढ़ी को तम्बाकू मुक्त रखना है। बाल पंचायत में स्कूल के बच्चों द्वारा अपने अपने जिलों तथा राज्यों का प्रतिनिधित्तव किया गया। बालाजी सेवा संस्थान की और से इस बाल परिषद् का प्रतिनिधित्तव आसी पाल द्वारा किया गया।
हम मानते हैं कि ‘बच्चे समाज में बदलाव के प्रतीक हैं। और हमने पाया है कि बच्चों की पहल के माध्यम से शिक्षक और अन्य हितधारक आगे आते हैं और स्कूलों को तंबाकू मुक्त बनाने में भाग लेते हैं। तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में युवा चैंपियन के रूप में बच्चों की भूमिका को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए, हमने स्कूली बच्चों के लिए एक बाल परिषद मंच स्थापित करने पर विचार किया। बाल परिषद एक ऐसा मंच है जहां छात्रों को संवेदनशील बनाकर और उनके नेतृत्व गुणों को विकसित करके एक मंच बनाया जाता है। वह मंच जिसके माध्यम से छात्र स्वयं अपने विद्यालय में स्वस्थ तंबाकू मुक्त जीवन जीने और गांव में तंबाकू मुक्त स्वस्थ जीवन जीने का संदेश देते हैं। बाल परिषद में बच्चों की सीधी भागीदारी से पूरे भारत में तंबाकू मुक्त स्कूल अभियान को गति मिलेगी और समाज में स्थायी बदलाव आएगा।