देहरादून : विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर फिक्की फ्लो उत्तराखंड चैप्टर ने चेशायर होम्स के दिव्यांग निवासियों के लिए ‘बीज बम कैसे बनाएं’ पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। यह गतिविधि प्रकृति के संरक्षण में दिव्यांग लोगों को शामिल करने के लिए आयोजित की गई थी। उत्तराखंड में 38,000 वर्ग किमी से अधिक का वन क्षेत्र है जो इसके कुल भौगोलिक क्षेत्र का 71% है। यह भारत के उन कुछ राज्यों में से एक है जहां लोगों का एक बड़ा वर्ग प्रकृति के काफी करीब रहता है।
इस कार्यशाला में फिक्की फ्लो उत्तराखंड चैप्टर और चेशायर होम्स में रहने वाले दिव्यांग लोगों ने भाग लिया। आज की वर्कशॉप में बने सीड बम मानसून के मौसम में आस पास के जंगलों में फेंके जाएंगे। इस गतिविधि का उद्देश्य विशेष रूप से दिव्यांगों को अधिक से अधिक पेड़ लगाकर प्रकृति के संरक्षण में के बारे में जागरूक करना था।
डॉ. नेहा शर्मा, फिक्की फ्लो उत्तराखंड चैप्टर की अध्यक्ष ने बताया यह कार्यशाला हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रकृति को संरक्षित करने का हमारा छोटा सा प्रयास है। यह विशेष रूप से दिव्यांगों लोगों को ‘पर्यावरण बचाओ’ जागरूकता अभियान का हिस्सा बनाने प्रयास भी है। ‘। हम चेशायर होम्स के निवासियों से मिली प्रतिक्रिया से उत्साहित हैं। हम कार्यशाला को सफल बनाने के लिए प्रतिभागियों को धन्यवाद देना चाहते हैं।
मनमीत सूरी , फिक्की फ़्लो उत्तराखंड चैप्टर के कार्यकारी समिति सदस्य और आज की कार्यशाला के लिए डे चेयर रही ने इस अवसर पर कहा “दिव्यांग व्यक्ति को हमें कमतर नहीं आंकना चाहिए वह भी सामान्यः व्यक्ति से अधिक सक्षम हो सकता है । कार्यशाला का उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों इस प्रकार की सामाजिक जागरूकता वाली गतिविधियों में शामिल करना चाहिए ताकि वे सभी के बराबर महसूस कर सकें और समाज को आगे बढ़ने में अपना योगदान दे सके “
इस अवसर पर डॉ नेहा शर्मा, अध्यक्ष; मनीत सूरी, कार्यकारी समिति के सदस्य और डे चेयर; मानसी रस्तोगी, संयुक्त सचिव; हरप्रीत कौर, संयुक्त कोषाध्यक्ष; फिक्की फ्लो उत्तराखंड चैप्टर तथा हरप्रिया चहल, दीपा चहल, गौरी सूरी, डॉ स्वाति आनंद फ्लो के सदस्य उपस्थित रहे ।