देहरादून: मनोवैज्ञानिक समाजसेवी और डॉ. पवन शर्मा ने आज कैबिनेट और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्या से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान डॉ. पवन शर्मा ने राज्य में बाल गृह कर्मचारियों को उन विषयों पर अनिवार्य प्रशिक्षण देने की तरफ मंत्री रेखा आर्या का ध्यानाकर्षण किया। ये प्रशिक्षण जुवेनाइल जस्टिस ऐक्ट के अंतर्गत अनिवार्य है और ये सभी विषय कर्मचारियों की व्यवहारकुशलता, मानसिक स्वास्थ्य, बच्चों के व्यावहारिक ज्ञान, बच्चों की सुरक्षा और नशे की आदत छुड़ाने की योग्यता संबंधी जानकारी और योग्यता बढ़ाने के लिए बहुत मददगार हैं।
डॉ. पवन शर्मा ने बताया कि वर्ष 2020 में उनकी संस्था प्रोग्रेसिव यूनिवर्स ऑफ एन एल पी के माध्यम से इनमें से कुछ विषयों पर देहरादून, हरिद्वार, अल्मोड़ा और हल्द्वानी स्थित बाल गृह के कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया था जिसके बहुत ही सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए। कर्मचारियों की कार्यकुशलता मैं वृद्धि हुई और समस्याओं की दर में कमी हुई। उसके बाद से इन विषयों पर प्रशिक्षण की आवश्यकता है। मंत्री रेखा आर्या ने इस परामर्श पर संज्ञान लेते हुए आगे और विचार विमर्श करने के लिए कहा है।
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