देहरादून।प्रदेश के पंचायत राज, पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान पंचायतों के नव निर्माण के संकल्पोत्सव सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण विषय पर एक दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यशाला में प्रदेश में पंचायतों को सशक्त करने के लिए कई ऐतिहासिक निर्णय लिया हैं। पंचायत मंत्री सतपाल महाराज ने राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान पंचायतों के नव निर्माण का संकल्पोत्सव सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण विषय पर रविवार को एक स्थानीय होटल में आयोजित एक दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए राज्य के विभिन्न विकासखंडों से आए प्रमुखों की उपस्थिति में पंचायतों को सशक्त करने के लिए कई ऐतिहासिक निर्णय लिए। प्रदेश के ब्लाक प्रमुख संगठनों की मांगों पर बड़ा निर्णय लेते हुए पंचायत मंत्री ने ब्लॉक प्रमुखों को विकास खंड अधिकारी की एसीआर (चरित्र प्रविष्टि) लिखने का अधिकार दिए जाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इसके अलावा पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए पं. दीनदयाल मिनी सचिवालय स्थापित करने की भी उन्होंने घोषणा की है।
पंचायत मंत्री सतपाल महाराज ने पंचायतों में व्यवस्था को दुरुस्त करने एवं जनप्रतिनिधियों को अधिकार संपन्न बनाने के लिए एक हाई पावर कमेटी बनाने की भी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इस कमेटी में जनप्रतिनिधियों को भी सम्मिलित किया जाएगा जो कि अन्य राज्यों में जाकर पंचायतों की व्यवस्था और पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकारों का अध्ययन करेगी। पंचायत मंत्री महाराज ने कहा कि 16 फरवरी 2005 के शासनादेश के प्राविधान के तहत क्षेत्र प्रमुख द्वारा खंड विकास अधिकारी की वार्षिक प्रविष्टि जिला विकास अधिकारी को भेजना जिसे जिला विकास अधिकारी यथावत प्रविष्टि में शामिल करेंगे शासनादेश के वर्णित प्राविधानों को लागू किया जाएगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि प्रत्येक क्षेत्र पंचायत प्रमुख को निजी सहायक के रूप में शासकीय कार्यों के निर्वहन हेतु डाटा एंट्री ऑपरेटर मुहैया भी करवाया जाएगा। पंचायत मंत्री ने कहा कि राज्य के पंचायत भवनों को पंडित दीनदयाल मिनी सचिवालय के रूप में विकसित कर प्रथम चरण में न्याय पंचायत स्तर पर पंचायती राज विभाग के अधीन निर्गत सेवाओं को एक छत के नीचे मुहैया कराया जाएगा। इसमें ऑनलाइन सेवाएं जैसे जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर, निजी भवन निर्माण तथा अदेयता प्रमाण पत्र और शौचालय प्रमाण पत्र देना आदि शामिल है। इस अवसर पर निदेशक पंचायत राज बंशीधर तिवारी ने कहा कि मंत्री जी के दिशा निर्देशन में और पंचायत प्रतिनिधियों के सुझावों के अनुरूप पंचायतों को सशक्त बनाने के हर संभव प्रयास किये जायेंगे। कार्यशाला में पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए थराली ब्लाक प्रमुख दर्शन सिंह दानू, द्वारीखाल ब्लॉक प्रमुख महेंद्र राणा, उत्तरकाशी के ब्लॉक प्रमुख बच्चन सिंह, बेरीनाग ब्लाक प्रमुख विनीता, धारचूला ब्लाक प्रमुख धन सिंह धामी, नरेंद्र नगर ब्लाक प्रमुख राजेंद्र सिंह भंडारी, कालसी ब्लाक प्रमुख, थौलधार ब्लॉक प्रमुख सहित जल संग्रहण के लिए पिछले कई वर्षों से काम कर रहे सच्चिदानंद भारती और जम्मू कश्मीर से आये वाइस चेयरपर्सन डीडीसी सूरज सिंह ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर संयुक्त निदेशक पंचायती राज राजीव कुमार नाथ त्रिपाठी, अपर आयुक्त पंचायती राज जम्मू कश्मीर सोहनलाल, पंचायत प्रतिनिधि अधिकारी कर्मचारी और धारा उपस्थित थे।
देहरादून, गढ़ संवेदना न्यूज: लोकभाषाओं को सम्मान सिर्फ सरकारी प्रयासों से नहीं मिलने वाला, इसके लिए हमें व्यक्ति एवं समाज के स्तर से पहल करनी होगी। हमें लोकभाषाओं के प्रति हीनता के भाव त्यागना होगा। तभी हम नई पीढी़ को अपनी संस्कृति एवं परंपराओं से जोड़ पाएंगे। इसकी शुरुआत हमें भाषण, गोष्ठी व सम्मेलनों से नहीं, अपने घर से करनी होगी। हमें यह बात कभी नहीं भूलनी चाहिए कि इस राज्य का जन्म ही लोक की स्वतंत्र पहचान कायम करने की मांग को लेकर हुआ।
यह बात हाल ही में वर्ष 2018 के प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी सम्मान से नवाजे गए उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने रविवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब की ओर से क्लब सभागार में आयोजित संवाद कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बाद इन इक्कीस वर्षों में गढ़वाली-कुमाऊंनी व अन्य लोक भाषाओं के उत्थान के लिए सरकारी स्तर से कोई जमीनी प्रयास नहीं हुए। आज हमारे पास लोकभाषा अकादमी तक नहीं है। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि आज की पीढी़ युवा बडी़ संख्या में गढ़वाली-कुमाऊंनी लिख और गा रहे हैं। देश ही नहीं पूरी दुनिया में उत्तराखंडी लोकगायकों को बडे़ मानोयोग से सुना जा रहा है। उन्होंने इसमें सोशल मीडिया के योगदान को भी महत्वपूर्ण माना।
संवाद के तहत पूछे गए एक सवाल पर नेगी ने कहा कि उन्होंने हमेशा लोक पक्ष को तरजीह दी और लोक के साथ ही मजबूती से खडे़ रहने की कोशिश की। इसलिए उनके गीतों में लोक मुखर होकर उभरा है। यह लोक से मिले असीम प्यार का ही नतीजा है।