दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस का एक नया वैरिएंट पाया गया है। वैज्ञानिकों ने युवाओं में इसके तेजी से फैलने पर चिंता जताई है। इसकी पहचान बी.1.1.529 के रूप में की गई है। यह दक्षिण अफ्रीका से आए यात्रियों में बोत्सवाना और हांगकांग में भी पाया गया है। इजरायल में मलावी से लौटे एक यात्री में इसका संक्रमण पाया गया है। कोरोना के इस वैरिएंट से बचाव को लेकर दुनिया के कई मुल्कों ने कदम उठाए हैं। इस वैरिएंट को लेकर डब्ल्यूएचओ सरकारों के लिए अब नए सिरे से दिशा-निर्देश जारी करेगा…ब्रिटेन ने शुक्रवार को छह अफ्रीकी देशों (दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, जिम्बाब्वे और बोत्सवाना, लेसोथो और इस्वातिनी) को अपनी यात्रा प्रतिबंध सूची में डाल दिया। इन देशों से उड़ानें अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई हैं। इन देशों से ब्रिटेन पहुंचने वाले यात्रियों को सरकार की ओर से अधिकृति एक होटल में 10 दिन तक आइसोलेशन में रहना होगा।
इजरायल ने भी अफ्रीकी देशों से आवाजाही पर बैन लगा दिया है। आस्ट्रेलिया ने भी यात्रियों की सघन जांच कराने की बात कही है। आस्ट्रेलिया का कहना है कि यदि खतरा बढ़ता है तो वह अफ्रीकी देशों से आवाजाही यानी यात्राओं पर प्रतिबंध लगा सकता है। भारत ने भी राज्यों को पत्र लिखकर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की कड़ी जांच करने के निर्देश दिए हैं।इस वैरिएंट में अब तक सामने आए सभी स्वरूपों में सर्वाधिक बदलाव देखा गया है। विशेषज्ञों ने इसे अत्यधिक संक्रामक और घातक करार दिया है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को चकमा दे सकता है। ब्रिटेन ने कहा है कि नए वैरिएंट B.1.1.529 में स्पाइक प्रोटीन जो कोरोना के मूल स्वरूप से अलग है।
दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के नए वैरिएंट बी.1.1.529 को लेकर डब्ल्यूएचओ भी सतर्क है। वह पर नजर रखे हुए है। शुक्रवार को WHO की विशेष बैठक हुई। इसमें निर्णय लिया गया कि इसको लेकर डब्ल्यूएचओ सरकारों के लिए अब नए सिरे से दिशा-निर्देश जारी करेगा। बैठक में विचार हुआ कि इसे वैरिएंट आफ कंसर्न की सूची में डाला जाए या नहीं।यूरोप के कई देशों में कोरोना के मामलों में तेज बढ़ोतरी को देखते हुए पाबंदियां सख्त की है। कई देशों ने लाकडाउन लगाए हैं। आस्ट्रिया की राजधानी वियना में बार बंद हैं। जर्मनी के म्यूनिख शहर में भी क्रिसमस बाजार सूने पड़े हैं। नीदरलैंड, बेल्जियम, जर्मनी, आस्ट्रिया और चेक गणराज्य समेत कई देशों में अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ है।