सहारनपुर, 22 अक्टूबर। प्रदेश में महिलाओं तथा बच्चों की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलम्बन के लिए मिशन शक्ति अभियान के ‘‘ फेज 3‘‘ के तहत एक दिन की सांकेतिक अधिकारी ‘‘नायिका’’ के रूप में महाराज सिंह कॉलेज की बी0एस0सी0 की टॉपर बालिका कुमारी वन्दना वर्मा को जिला प्रोबेशन अधिकारी तथा जे0बी0एस0 हिन्दू कन्या इण्टर कॉलेज की कक्षा 11 की छात्रा बालिका कुमारी लायिबा को उपनिदेशक, महिला कल्याण नियुक्त किया गया। बालिका कुमारी वन्दना वर्मा को श्रीमती नेहा शर्मा, महिला कल्याण अधिकारी, महिला शक्ति केन्द्र द्वारा पुष्प देकर सम्मानित करते हुए सांकेतिक रूप से एक दिन की जिला प्रोबेशन अधिकारी का पदभार ग्रहण कराया गया। जिला प्रोबेशन अधिकारी श्री पुष्पेन्द्र सिंह ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होने कहा कि कुमारी वन्दना वर्मा द्वारा जिला प्रोबेशन अधिकारी का पदभार ग्रहण करने के उपरान्त पति की मृत्यु के उपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना, उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना(सामान्य), उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के विषय में जानकारी की गयी तथा योजनाओं की प्रगति के विषय में जानकारी करते हुए कार्यालय में साफ-सफाई की जाँच करते हुए कार्यालय में उपस्थित कार्मिकों से पूछताछ की गयी। बालिका कुमारी लायबा को श्री रामकमल, कनिष्ठ सहायक द्वारा पुष्प भेंट कर उप निदेशक, महिला कल्याण का पदभार ग्रहण कराया गया। जिसके उपरान्त बालिका लायबा द्वारा सरकार द्वारा चलायी जा रही लाभार्थीपरक योजनाओं के विषय में जानकारी करते हुए मिशन शक्ति अभियान के तहत की जा रही गतिविधियों के विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त की। उन्होने कार्मिकों का परिचय लेकर उनसे उनके द्वारा किये जाने वाले कार्यों की समीक्षा करते हुए सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं को जनसामान्य तक पहुँचाने के लिए उनके द्वारा क्या-क्या प्रयास किये जा रहे हैं, इस विषय में विस्तार से जानकारी ली गयी। एक दिन की सांकेतिक अधिकारी ‘‘नायिका‘‘ नियुक्त होने पर बालिका कुमारी वन्दना व कुमारी लायबा द्वारा हर्ष व्यक्त करते हुए बताया गया कि सरकार के इस तरह की पहल बहुत ही सराहनीय है तथा इससे महिलाओं व बालिकाओं के उत्साह वर्धन होगा तथा समाज में बालिकाओं की छवि में सकारात्मक बदलाव आयेगा, इस दौरान बालिका काफी उत्साहित दिखी। कार्यक्रम के तहत सुधार गृह में अधीक्षिका के पद पर सांकेतिक अधिकारी ‘‘नायिका‘‘ के रूप में संवासिनी रोशनी को नियुक्त किया गया तथा बालगृह(बालिका) में बालिका तरनप्रीत कौर को अधीक्षिका के पद पर नियुक्त किया गया। राजकीय पश्चातवर्ती देखरेख संगठन(महिला), फतेहपुर में संवासिनी चाँदनी को अधीक्षिका के पद पर नियुक्त करते हुए एक दिन की नायिका बनाया गया। सखी वन स्टॉप सेन्टर, जिला चिकित्सालय में सेन्टर मैनेजर के पद पर बालिका तानिया को नियुक्त करते हुए एक दिन की नायिका बनाया गया। बालिका तानिया द्वारा पद भार ग्रहण करने के उपरान्त सखी वन स्टॉप सेन्टर में आने वाली पीड़ित महिलाओं को दी जाने वाली सुविधाओं की समीक्षा की तथा प्राप्त होने वाली शिकायतों के निस्तारण के विषय में जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम के तहत जनपद की सभी बाल विकास परियोजनाओं पर बाल विकास परियजोजना अधिकारी के पद पर बालिकाओं को नियुक्त करते हुए उनका उत्साह वर्धन किया गया तथा उनके आत्मविश्वास में वृद्धि की गयी।
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Spread the loveपंतनगर:ऊर्जा सरंक्षण हेतु अपनी प्रतिबद्धता और सरंक्षण के संकल्प के अनुरूप विश्व की अग्रणी और देश की एक मात्र सीसा जस्ता और चांदी उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिं़क अपने परिचालन और आस पास के क्षेत्रो में नवाचार कर इस ओर अग्रसर हैहिन्दुस्तान जिं़क के प्रधान कार्यालय सहित जावर माइंस, राजपुरा दरीबा कॉम्प्लेक्स, चंदेरिया लेड जिं़क स्मेल्टर, रामपुरा आगुचा माइंस और कायड माइंस में 2500 से अधिक कर्मचारियों और बिजनेस पार्टनर ने नो व्हीकल डे मना कर ऊर्जा संरक्षण का संकल्प लिया। हिन्दुस्तान जिं़क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा सहित सभी इकाइयों के एसबीयू डायरेक्टर और वरिष्ठ अधिकारियों ने पैदल, साइकिल और स्टॉफ बस से पहुंच कर सभी को ऊर्जा संरक्षण की प्रतिबद्धता को पूर्ण करने का संदेश दिया। कंपनी की सभी इकाइयों मंे नाटक, रैली,स्लोगन और क्वीज प्रतियोगिताओं के साथ ही पौध वितरित कर जागरूक करने और उत्सव मना कर अनूठे अंदाज में ऊर्जा संरक्षण दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किये गये। हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा ने कहा कि इस दिवस को मनाने का प्राथमिक उद्देश्य सभी कर्मचारियों के बीच उनके कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के महत्व के बारे में जागरूकता और समझ बढ़ाना है और उन्हें जीवाश्म ईंधन के उपयोग से बचकर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रोत्साहित करना है। हमने सभी को प्रदूषण मुक्त वातावरण में योगदान देने और भारत के पर्यावरण के प्रति जागरूक नागरिक बनने के लिए दैनिक आधार पर साइकिल और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। हिंदुस्तान जिंक स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है और अगले चार से पांच वर्षों में जीएचजी उत्सर्जन में कमी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हिंदुस्तान जिंक ने नेट जीरो 2050 प्राप्त करने की दिशा में एक रणनीतिक रोडमैप निर्धारित किया है और कंपनी द्वारा अपनाएं जा रहे नवाचार इसी पर संरेखित हैं। जिम्मेदार जल प्रबंधन, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। सस्टेनेबल माइनिंग में अग्रणी के रूप में, हिंदुस्तान जिंक की स्थिरता के प्रति अथक दृष्टिकोण दीर्घकालिक, मूल्य-संचालित विकास के लिए एक महत्वपूर्ण उत्प्रेरक साबित हुआ है। प्राकृतिक संसाधनों का सर्वाेत्तम उपयोग सुनिश्चित करने, कार्बन उत्सर्जन को कम करने, सुरक्षित संचालन बनाए रखने और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का लाभ उठाने पर उनका सतत जोर जारी है। हिंदुस्तान जिंक ने स्मार्ट, सुरक्षित और सस्टेनेबल संचालन पर ध्यान केंद्रित करते हुए अगले पांच वर्षों में गो ग्रीन के लिए 1 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई है। हिन्दुस्तान जिंक द्वारा ऊर्जा उपभोग के नियमित निरीक्षण व जाँच से ऊर्जा का संरक्षण हुआ है। संशोधन प्रक्रिया यानि पुरानी व अधिक ऊर्जा की खपत करने वाली प्रक्रियाओं को नई ऊर्जा कुशल प्रक्रियाओं से प्रतिस्थापित कर नवाचार किये गये है। उन्नत माप उपकरण से ऊर्जा संरक्षण हेतु नई तकनीकों व ऊर्जा कुशल उपकरणों व प्रक्रियाओं का प्रयोग किया जा रहा हैै। बिजली का उपयोग कम करके उल्लेखनीय मात्रा में ऊर्जा की बचत की जा सकती है। बल्बों को एलइडी, ऑटो ऑफ एवं सौल लाइट से प्रतिस्थापित कर दिया गया है। यातायात क्षेत्र में ऊर्जा संरक्षण के लिए सभी संयत्रों और खदानों में परिवहन के साधनों में परिवर्तन किया गया है। ईंधन की खपत में कमी के लिए संचालन क्षेत्र में स्ववाहनों के स्थान पर अधिक से अधिक सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग किया जाता है। संयत्रों, खदानों और कॉलोनी में कार की गति सीमा निर्धारित है। हिन्दुस्तान जिंक के सस्टेनेबिलिटी विजन 2050 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य है। उच्चतम ईएसजी मानकों को बनाए रखने, जलवायु, जल एवं ऊर्जा के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। कंपनी सतत विकास के सिद्धांत के लिए प्रतिबद्ध है और वाटर पॉजिटीव, अपशिष्ट उपयोग, कार्यस्थल पर सुरक्षा और विविधता, समुदायों की समृद्धि एवं जैव विविध्ता प्रमुख लक्ष्य है जिसके लिए लगातार प्रयास एवं नवाचार किये जा रहे है।