देहरादून– 03 फरवरी, 2022- इस बार का केंद्रीय बजट विकास के तीन प्रमुख कारकों पर केंद्रित था, जिसमें व्यापक आर्थिक (मैक्रो-इकॉनॉमिक) और सूक्ष्म आर्थिक (माइक्रो-इकोनॉमिक) विकास पर बल देते हुए सभी के समावेश को बरकरार रखना, डिजिटल अर्थव्यवस्था एवं फिनटेक को बढ़ावा देना, तथा सार्वजनिक एवं निजी पूंजी के बीच निवेश के चक्र का निर्माण करना शामिल है। माननीय प्रधानमंत्री ने अगले 25 सालों की अवधि के लिए ‘अमृत काल’ शब्द का प्रयोग किया है, और माननीय वित्त-मंत्री ने इसी बात को ध्यान में रखते हुए देश की अर्थव्यवस्था की रूपरेखा तैयार की है।
5G स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू करने, ग्रामीण भारत में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयों की स्थापना करने, 150,000 डाकघरों को बैंकिंग की मुख्य प्रणाली से जोड़ने तथा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नए डिजिटल रुपये को लॉन्च किए जाने की घोषणा के साथ सरकार ने इस साल भी डिजिटल एवं वित्तीय समावेशन पर लगातार बल देने के अपने प्रयास को दोहराया है। केंद्रीय बजट 2022 में माननीय वित्त-मंत्री द्वारा की गई घोषणाएँ सराहनीय हैं। सही मायने में ये सभी पहल स्वागत-योग्य हैं जिससे उपभोक्ताओं और एम.एस.एम.ई. सेगमेंट दोनों को फायदा होगा। इसकी वजह यह है कि, जब वे अपनी डिजिटल और वित्तीय गतिविधियों को बढ़ाएंगे तो बदले में उन्हें जल्दी और आसानी से ऋण प्राप्त करने के लिए एक मजबूत क्रेडिट-हिस्ट्री तैयार करने में काफी मदद मिलेगी।
माननीय वित्त-मंत्री ने उद्यम, ई-श्रम, राष्ट्रीय कैरियर सेवा (एन.सी.एस.), और आत्मनिर्भर कुशल कर्मचारी नियोक्ता मानचित्रण (ए.एस.ई.ई.एम./ असीम) पोर्टलों को एक-दूसरे से जोड़ने की घोषणा की, जिससे निश्चित तौर पर ऋण को और सुविधाजनक बनाने में मदद मिलेगी। वर्ष 2020 में नियत तिथि की सीमा को आगे बढ़ाने तथा आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ई.सी.एल.जी.एस.) के तहत गारंटी कवर में वृद्धि के साथ-साथ सी.जी.टी.एम.एस.ई. या सूक्ष्म एवं लघु उद्यम योजनाओं के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट की शुरुआत की गई थी, जिसे धन के प्रवाह के साथ बिल्कुल नया रूप दिया जाएगा और उम्मीद है कि इससे एम.एस.एम.ई. को बड़े पैमाने पर मदद मिलेगी।
बजट भाषण के दौरान इस बात का उल्लेख किया गया कि, आने वाले वर्ष में 9.2% की जीडीपी दर के साथ भारत के मजबूत विकास की उम्मीद है। माननीय वित्त मंत्री ने इस बार अर्थव्यवस्था में उम्मीद की किरण जगाने वाला बजट पेश किया है जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार, एम.एस.एम.ई. और उद्यमियों को भरपूर सहयोग, डिजिटल तकनीक का फायदा उठाने की दिशा में लगातार जोर, तथा सभी को शामिल करते हुए विकास की रणनीति तैयार करने जैसी बातों को शामिल किया गया है। निश्चित तौर पर महामारी से बुरी तरह प्रभावित अर्थव्यवस्था के लिए ऐसा बजट बेहद आवश्यक था। निस्संदेह इस बार के बजट में अर्थव्यवस्था को आवश्यक गति प्रदान करते हुए विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। विकास तथा रोजगार में और वृद्धि के साथ, क्रेडिट उद्योग जगत से जुड़ी हमारी जैसी कंपनियां व्यक्तिगत तौर पर फाइनेंसिंग के साथ-साथ व्यवसाय के विकास को बढ़ावा देने के लिए ऋण की मांग में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।