कार्यशाला में नशे की आदत लगने के कारणों और इससे होने वाले मानसिक प्रभावों पर चर्चा की

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देहरादून: नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के मौके पर मानसिक स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत संस्था फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसायटी के संस्थापक डॉ पवन शर्मा द्वारा नशे की गिरफ्त में आए हुए और नशा छोड़ने के प्रयासरत युवाओं को नशे की लत से बचने और एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए जरूरी आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए मानसिक रूप से मजबूत रहने के लिए सूत्र बताये।

एडवोकेट कुलदीप भारद्वाज ने नशे के अवैध कारोबार और इससे जुड़े कानून के बारे में जानकारी दी। सुदधोवाला स्थित कर्मा वेल्फेयर सोसायटी में युवाओं को मानसिक स्वास्थ्य और नशे की आदत को छोड़ने के लिए में सक्षम बनाने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में डॉ पवन शर्मा ने युवाओं को नशे की आदत लगने के कारणों और इससे होने वाले मानसिक प्रभावों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि अधिकांश युवा रोमांच और अवसाद की वज़ह से शराब, ड्रग्स, आदि जानलेवा नशे की लत के आदि बन जाते हैं।

युवाओं को उनकी समस्याओं को सुनकर उनका समाधान और परामर्श दिया। उन्होंने इस कार्यशाला में युवाओ को नकारात्मक विचार और हताशा (डिप्रेशन) से निकालने के गुर सिखाये। इस कार्यशाला में विभिन्न प्रकार के खेल और क्रियाकलापों द्वारा मनोरंजक माहौल में नशे के खिलाफ शिक्षा को प्रतिभागियों तक पहुँचाया गया। सभी प्रतिभागियों ने नए उत्साही और ऊर्जा का अनुभव करके डॉ पवन शर्मा को बहुत धन्यवाद दिया और भविष्य में नशे से दूर रहने का और अपने साथियों को भी नशे से बचाने के लिए वादा किया।इस मौके पर विभा भट्ट, पूनम नौडियाल, भूमिका भट्ट, राहुल भाटिया, रवि सिंह और शिवाजी बनर्जी, ने भी प्रतिभागियों का हौसला बढ़ाने का काम किया।