सिद्धू के खिलाफ ये मुकदमा दस साल पहले ही हो जाना चाहिए था:रविन्द्र जुगरान

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देहरादून। उत्तराखण्ड के पूर्व पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू के खिलाफ पिछले लगभग दस सालों से कानूनी लड़ाई लड़ रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व प्रदेश प्रवक्ता व राज्य आंदोलनकारी रविन्द्र जुगरान ने अपनी जान का खतरा बताया है। उन्होंने सरकार से उनकी सुरक्षा पर ध्यान देने की मांग की है। साथ र्ही पूर्व पुलिस महानिदेशक सिद्ध के खिलाफ उनके साथ लड़ रहे सेवा निवृत्त दरोगा निर्विकार और राजाजी पार्क के आनररी वाइल्ड लाइफ वार्डन राजीव तलवार की जान को खतरा बताया है। जुगरान ने दस साल की लंबी लड़ाई के बाद सिद्धू के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने पर सीएम पुष्कर धामी और वन मंत्री सुबोध उनियाल का आभार जताया।


उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता रविन्द्र जुगरान ने कहा कि सिद्धू के खिलाफ ये मुकदमा दस साल पहले ही हो जाना चाहिए था। लेकिन पिछले सरकारों और शासन में बैठे अधिकारियों के साथ के ढुलमुल रवैये के चलते ऐसा नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी,वन मंत्री सुबोध उनियाल और पीसीसीएफ विनोद सिंघल ने इस मामले में हिम्मत दिखाते हुए सिद्धू के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने में अहम भूमिका निभाई। वहीं रिटायर दरोगा निर्विकार ने बताया कि 2013 में ही जब वन अफसरों पर दर्ज मुकदमें की जांच उनके पास आयी थी तो उन्होंने इसे गलत बताया था। लेकिन पुलिस महानिदेशक ने इस मामले में उनके ही खिलाफ तीन तीन फर्जी मुकदमे दर्ज करवाए। साथ ही उनका प्रमोशन तक नहीं होने दिया।


रविंद्र जुगरान ने मांग करते हुए कहा कि सरकार पूर्व डीजीपी सिद्धू के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच भी करवाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सिद्धू के पुलिस महानिदेशक बनने से पहले ही सीबीआई ने उनके खिलाफ आय से 145 गुना संपत्ति होने की बात कहते हुए राज्य सरकार से जांच की अनुमति मांगी थी, लेकिन सरकार ने अनुमति नहीं दी। जुगरान ने कहा कि उन्हें अपनी जान का खतरा है, ऐसे में सरकार उनकी सुरक्षा पर ध्यान दे।