सरकार उच्च स्तरीय जांच करा कर श्रमिकों को न्याय दिलाएं

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विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि वर्ष 2020 में श्रम मंत्री हरक सिंह रावत की सरपरस्ती में कोरोना काल के दौरान कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा पंजीकृत श्रमिकों हेतु ढाई लाख राशन किट्स खरीदने हेतु टेंडर जारी किया, लेकिन बाद में 75000 राशन किट्स पंजीकृत श्रमिकों हेतु और खरीदने का दावा किया गया। ये 2.5 लाख एवं 75000 किट्स किसको बांटी गई, यह शायद कर्मकार बोर्ड को भी मालूम नहीं है। वास्तविकता तो यह है कि लगभग 50-60 फ़ीसदी श्रमिकों को ही  किट्स बांटी गई। कर्मकार बोर्ड द्वारा ठेका अपनी चेहती कंपनी आईटीआई लिमिटेड को लगभग ₹988 प्रति  किट के हिसाब से स्वीकृत किया गया, जिसमें 14 वस्तुओं का एमओयू  साइन किया गया।

कर्मकार बोर्ड द्वारा टेंडर के अनुसार उपलब्ध किट में चावल 3 किग्रा, दाल 1 किग्रा, भुना चना 500 ग्राम, साबुन दो व मसाला 200 ग्राम दर्शाया गया, जबकि आपूर्तिकर्ता कंपनी आईटीआई लिमिटेड द्वारा चावल 5 किग्रा, दाल 2 किग्रा, साबुन 4, भुना चना एक किग्रा एवं मसाला 250 ग्राम की आपूर्ति की गई, दर्शाया गया है। उपरोक्त तथ्यों के आधार पर खरीद एवं वितरण में काफी भिन्नता है द्य किट्स में सामान की मात्रा कम थी एवं गुणवत्ता भी निम्न स्तर की थी। मोर्चा सरकार से मांग करता है कि खामोशी तोड़ इस प्रकरण की खरीद एवं वितरण की उच्च स्तरीय जांच करा कर श्रमिकों को न्याय दिलाएं। पत्रकार वार्ता में गोविंद सिंह नेगी, दिनेश राणा, अमित कुमार व संजय बंसल मौजूद थे।