विष्व एड्स दिवस के अवसर पर 01 दिसम्बर को बी.एस. नेगी महिला पाॅलिटेक्निकल 1⁄4पूर्व में ओ.एन.जी.सी. पाॅलिटेक्निकल1⁄2 में एच.आई.वी./एड्स विशय पर
जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री हर्शमणि व्यास जी द्वारा की गयी। श्री व्यास जी ने कहा आज हर व्यक्ति को एच.आई.वी./एड्स के प्रति इतना जागरूक किये जाने की आवययकता है ताकि इसके प्रसार की दर को समाज में रोका जा सके। कार्यक्रम के आरम्भ में श्री गगनदीप लूथरा, सहा0 निदे0 उत्तराखण्ड एड्स नियंत्रण समिति द्वारा एच.आई.वी./एड्स की जानकारी, रोकथाम एवं दवा की जानकारी प्रदान की गयी।
उन्होने बताया कि भारत में एच.आई.वी. का संक्रमण लगभग 83 प्रतिशत असुरक्षित यौन सम्बन्धों से तथा 17 प्रतिशत अन्य जैसे – एक दूसरे की दुषित सुई इस्तेमाल करने से, दूषित रक्त के चढ़ाने से व सक्रमित गर्भवती महिला से उसके होने वाले बच्चे को होता है। एच.आई.वी. संक्रमण का पता रक्त की जांच से ही पता चलता है जो कि स्वैच्छिक जांच है एवं समस्त सरकारी चिकित्सालयों में निःषुल्क उपलब्ध है यदि व्यक्ति को शंका हो तो अपने रक्त की जांच परामर्श एवं परीक्षण केन्द्र 1⁄4आई.सी.टी.सी.1⁄2 में जाकर करवा सकता है, जो राजकीय चिकित्सालय व मेडिकल कालेज तथा सी.एच.सी. स्तर तक में स्थापित है। श्री सोरभ गुप्ता, तकनीकि अधिकारी, यूसाॅक्स ने सिरिन्ज से नषा करने वाले व्यक्तियों में बढ़ती हुई एच.आई.वी. दर पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया गया तथा सभी छात्राओं से अनुरोध किया कि वह उक्त जानकारी को सभी को साझा करे ताकि जनमानस को उक्त रोग से बचाया जा सके।
श्रीमती इन्दरजीत कौर, उपप्रधानाचार्य ने कहा कि समस्त छात्राओं को उन समस्त रोगो के बचाव की जानकारी होनी चाहिए तथा समाज में फैली भ्रान्तियों को दूर करनाचाहिए, हाथ मिलाने से या एक साथ खाना खाने से एड्स नहीं फैलता है। एच.आई.वी. पाॅजिटिव व्यक्ति के साथ समानता का व्यवहार करना चाहिए और उसे अपना साथीसमझना चाहिए उसके साथ संवेदनषिल्ता के साथ व्यवहार किया जाना है। साथ छात्राओं से आहवान किया कि वह स्वैच्छिक रक्तदान में बढ़ चड़ कर सहयोग करें। कार्यक्रम के समापन में श्रीमती नुपुर जाॅली ने कहा कि विष्व एड्स दिवस के अवसर पर समाज के सभी वर्गो से अनुरोध है कि वह एच.आई.वी./एड्स की जागरूकता 2 .हेतु अपना सक्रिय सहयोग करे और समाज में फेली भ्रांतियों को दूर करने में सहयोगकरें। कार्यक्रम में श्री हरिषंकर जोषी, डाॅ. नितिन चावला, चिकित्सक, ओ.एन.जी.सी. चिकित्सालय, श्रीमती. सौनिया भनौत, तथा संस्थान से छात्राओं एवं षिक्षकों ने प्रतिभाग
किया।