देहरादून, 03 मई। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने मंगलवार को छावनी परिषद स्थित शहीद दुर्गामल पार्क पहुंच कर आजाद हिन्द फौज के वीर जवान अमर शहीद कैप्टन दल बहादुर थापा के 77वें शहीदी दिवस पर उन्हें श्रृद्धांजली अर्पित की। श्रृद्धांजली सभा का आयोजन करने वाली ‘‘उत्तराखण्ड राज्य नेपाली भाषा समिति’’ ने सैनिक कल्याण मंत्री को ‘‘गणेश बहादुर थापा’’ का सम्मानपूर्ण सम्बोधन दिया। समिति ने एक स्वर में कहा कि एक भूतपूर्व सैनिक होने के नाते भी और एक सम्वेदनशील राजनीतिज्ञ होने के कारण वह हर समय जनता के हितों के पहरेदार के तौर पर हर समय जनता के बीच मौजूद रहते हैं। शहीद कैप्टन दल बहादुर थापा की वीरता और राष्ट्रभूमि के लिए अमर प्रेम को स्मरण करते हुए कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि भारतवर्ष की आजादी के लिये अपने प्राणों की आहुति देने वाले अनेक वीरों में शहीद कैप्टन दल बहादुर थापा का नाम देहरादून के रणबाकुरों में गोर्खा समुदाय में अत्यंत आदरसे लिया जाता है।
आजाद हिन्द फौज के वीर जवानों द्वारा देश की आजादी के लिए जिस जज्बे और लगन के साथ अपने सर्वस्व को निछावर कर दिया उसे देश कभी भुला नहीं सकता। इन रणबाँकुरों की स्मृति में उत्तराखण्ड राज्य नेपाली भाषा समिति एवं अन्य सहयोगी संस्थाओं एवं विभिन्न समाज के सहयोग से प्रतिवर्ष 03 मई को शहीद दिवस के रूप में आयोजित करते हुए इन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। शहीद दल बहादुर थापा ने अपनी कर्मभूमि देहरादून को बनाया। सेना में वह नायब सूबेदार बने और द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ये मलाया में जापानियों के खिलाफ लड़े। 23 अगस्त 1941 को जापानियों ने इन्हें युद्धबंदी बना लिया। बंदी जीवन के दौरान इनका परिचय नेताजी सुभाषचंद्र बोस से हुआ।
नेताजी की प्रेरणा से वह जापानियों की कैद से छूटने के बाद सन् 1942 में आजाद हिंद फौज में भर्ती हो गये। आजाद हिंद फौज की एक टुकड़ी का नेतृत्व करते हुए बर्मा-कोहिमा सीमा पर वीरता से लड़े। दुर्भाग्य अंग्रेजों ने इन्हें युद्ध बंदी बना लिया, सैनिक अदालत ने इनपर देशद्रोह का मुकदमा चलाया और मृत्युदण्ड दिया। इनके अदम्य साहस औरवीरता को देखकर नेताजी सुभाष चंद्र बोसने इन्हें कैप्टन पद से सम्मानित किया था। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि भारत माता के इन अमर शहीदों की गाथाओं से युवा पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने घोषणा की कि निम्बूवाला में अमर शहीद कैप्टन दल बहादुर थापा के नाम से शहीद द्वार का निर्माण करवाया जाएगा। ताकि आने वाली पीढ़ियां शहीद की शौर्य गाथा से परिचित हो सकें। इस अवसर पर वरिष्ठ भाजपा नेता रामशरण नौटियाल, शमशेर सिंह बिष्ट, पदम बहादुर थापा, प्रभा शाह, देवेन्द्र पाल, अनिल सैनी आदि उपस्थित रहे।