देहरादून। मनी लांड्रिंग के मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सफाई देते हुए कहा है कि उनका इस मामले से कोई लेना—देना नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि इस मामले की जांच हो रही है और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि उनके निजी सचिव एसके पंवार के बारे में उनके पास जो जानकारी है वह आरोपी कंपनी के 2010 तक डायरेक्टर रहेे इसके बाद उन्होंने इसे छोड़ दिया था। उल्लेखनीय है कि 180 करोड़ की धांधली के इस मामले में राज्य के तमाम लोगों से रुपए ठगे गए, और फर्जी कंपनियों के नाम से काले धन को सफेद करने का काम किया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह के ओएसडी और उनकी पत्नी का नाम इस मनी लांड्रिंग केस में आने के बाद त्रिवेंद्र सिंह पर भी सवाल उठाए जा रहे थे जिसके कारण उन्होंने अब मीडिया के सामने आकर अपनी बात रखते हुए साफ किया है कि इससे उनका कुछ भी लेना देना नहीं है।
उधर कांग्रेस ने इस मामले में त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम आने के बाद कहां है कि भाजपा की अंदरूनी लड़ाई में अब एक दूसरे की कलई खोलने का काम किया जा रहा है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा नेता एक दूसरे की नब्ज दबाये रहते हैं। मुख्यमंत्री धामी और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच जो आपसी खींचतान चल रही है यह जगजाहिर है। कांग्रेस का कहना है कि लेकिन यह भ्रष्टाचार भाजपा के शासनकाल में हुआ है किसने किया यह अलग बात है।