देहरादून, 18 जून: ‘‘हमारी सरकार छुट्टी पर घर आ रहे फौजियांं तथा उनके परिजनों को सैनिक आवस गृहों में बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध करवाने के प्रतिबद्ध है। मैं जब फौजी था तो मैंने देखा है कि विश्राम गृहों में बंक बैड में सोना पड़ता था। तब से आज तक बहुत सुविधाएं बढ़ी है। परंतु राज्य के लगभग सभी सैनिक विश्रामगृहों की स्थति आज ऐसी नहीं है कि छुट्टी आ रहे हमारे फौजी अपने परिवार को सम्मान और गौरव के साथ वहां रहने के ला सकें और उन्हें अच्छी सुविधाएं व आव-भगत मिले। इसलिए हमने योजना बनाई है कि राज्य के सभी 37 सैनिक विश्राम गृहों को ज्यादा बेहतर सुविधओं तथा रहने के लिए ज्यादा आरामदायक बनाया जाए’’। यह कहना था सूबे के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी का।
आज अपने शिविर कार्यालय में सैनिक कल्याण विभाग के अधिकारियों संग राज्य के सभी 37 सैनिक विश्रामगृहों के जीर्णोद्धार तथा नवनिर्माण की कार्ययोजना पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि बजट की उपलब्धता के अनुसार प्रथम चरण में रेल हैड पर स्थित हल्द्वानी, टनकपुर तथा कुमांउ में पिथौरागढ़ एवं गढ़वाल में गोपेश्वर के सैनिक विश्रामगृहों के पुर्ननिर्माण की योजना बनाई गई है। इसके तहत राज्य सरकार के प्रथम 100 दिन पूर्ण होने के अवसर पर आगामी 30 जून को गोपेश्वर तथा टनकपुर के विश्रामगृहों के नवनिर्माण का शिलान्यास मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के कर कमलों द्वारा किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त निदेशक सैनिक कल्याण द्वारा सुझाव दिया गया कि युवाओं को दिए जाने वाले सेना भर्ती पूर्व प्रशिक्षण को ‘‘वॉर विडोज ब्वायज एण्ड गर्ल्स हॉस्टल’’ से संचालित किया जा सकता है। क्योंकि वहां 50 प्रशिक्षुओं के रहने खाने तथा प्रक्टिस की र्प्याप्त सुविधाएं मौजूद हैं। जिस पर सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि कर्नल ऑफ द रेजिमेंट, गढ़वाल रायफल से वह स्वयं इस विषय पर चर्चा करूंगा। इस दौरान निदेशक सैनिक कल्याण कर्नल बी0एस0 रावत तथा पेयजल निमार्ण निगम के अधिक्षण अभियंता एस0के0 पंत भी उपस्थित रहे।