देहरादून। राज्य स्तरीय खेल में पदक लाने वाले और राष्ट्रीय एवं चैंपियनशिप में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को काॅलेजों में सीधे दाखिला मिलेगा। सरकार खिलाड़ियों को दाखिले के लिए पांच प्रतिशत खेल कोटा देने की तैयारी में है। खेल निदेशक जितेंद्र सोनकर के मुताबिक छह राज्यों में इस तरह की व्यवस्था के अध्ययन के बाद इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। प्रस्ताव तीन अप्रैल को शासन को भेजा जाएगा। प्रदेश के पदक विजेता खिलाड़ी न सिर्फ राज्य की सेवाओं में समूह ख (राजपत्रित अधिकारी) और ग (तृतीय श्रेणी कर्मचारी) के पदों पर सीधे नौकरी पा सकेंगे, बल्कि खेल के साथ अपनी पढ़ाई भी पूरी कर सकेंगे। खेल विभाग के अधिकारियों के मुताबिक खेल कोटा काॅलेज, यूनिवर्सिटी और प्रोफेशनल कोर्स में दाखिले के लिए होगा।
खेल निदेशक जितेंद्र सोनकर का कहना है कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, केरल और दिल्ली से विभाग को मिली रिपोर्ट के अध्ययन के बाद प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। विभिन्न राज्यों में इसके लिए बनी नीति के अध्ययन से पता चला है कि कुछ राज्य खिलाड़ियों को दाखिले में वरीयता दे रहे हैं, तो कुछ ने दो से तीन फीसदी खेल कोटा तय किया हुआ है।
खेल निदेशक के मुताबिक उत्तराखंड में खिलाड़ियों को दाखिले में वरीयता दी जाती है, लेकिन अब तक इसके लिए कोई खेल कोटा नहीं था। खेल कोटा होने से जो खिलाड़ी खेल के साथ अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहते हैं, वे विभिन्न कोर्स में आसानी से दाखिला पाकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगे। शासन में उच्च शिक्षा विभाग की ओर से 15-20 दिन पहले इस संबंध में खेल विभाग से सुझाव मांगा गया था। खेल विभाग की ओर से प्रस्ताव भेजा जा रहा है। शासन को इस पर निर्णय लेना है। प्रस्ताव कैबिनेट में आ सकता है।