देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने राज्य सरकार पर राज्य आंदोलनकारियों की नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था को लेकर हीला हवाली का आरोप लगाया है। धीरेंद्र प्रताप ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर गहरी नाराजगी का इजहार करते हुए कहा है कि यह सब राज्य में पिछले 5 वर्षों से कार्यरत भारतीय जनता पार्टी की सरकार का निकम्मा पन का जीता जागता सबूत है ।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा राज्य सरकार ने इस मामले में यदि ठीक ढंग से पैरवी की होती तो कोई मतलब नहीं था कि राज्य आंदोलनकारियों की जीविका पर संकट आता। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग की इस मामले को युद्ध स्तर पर लेकर प्राथमिकता के आधार पर इसका निस्तारण करें और राज्य विधानसभा का या तो एक दिवसीय सत्र बुलाकर या इस मामले में अध्यादेश जारी कर तत्काल इस राज्य को बनाने वाले राज्य आंदोलनकारियों की आजीविका पर जो संकट आया है उसे तत्काल दूर करें।
उन्होंने चेतावनी दी है यदि सरकार ने इस मामले में तत्परता ना दिखाई वे तमाम राज्य निर्माण आंदोलनकारी संगठनों के साथ बैठक कर एक बड़े आंदोलन की शुरुआत करेंगे। उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों की बुढ़ापे की इस अवस्था में इस प्रकार का उन पर अत्याचार किया जाना शर्मनाक बताया है।