जे. जे. ऐक्ट के अंतर्गत बाल सुरक्षा गृह में कार्यरत कर्मचारियों के लिए अनिवार्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए प्रस्ताव दिया

Spread the love

देहरादून: मानसिक स्वास्थ्य और मानव विकास के लिए कार्यरत संस्था फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसायटी और प्रोग्रेसिव युनिवर्स ओफ एन एल पी के संस्थापक मनोवैज्ञानिक डॉ. पवन शर्मा ने राज्य बाल अधिकार आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान बाल विकास और बाल मनोविकारों पर बात हुई। डॉ. पवन शर्मा ने उत्तराखंड के समस्त बाल सुरक्षा गृह में कार्यरत कर्मचारियों के लिए जे. जे. ऐक्ट के अंतर्गत अनिवार्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए प्रस्ताव दिया। इस प्रस्ताव के अंतर्गत कर्मचारियों को कार्यक्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने के गुर सिखाये जाएंगे और व्यक्तिगत समस्याओं को सुलझाने के लिए काउंसिलिंग भी प्रदान की जाएगी।

ये प्रशिक्षण कार्यक्रम कर्मचारियों के व्यक्तिगत और पेशेवर काबिलियत को बढ़ाने में बहुत मदद करते हैं। डॉ पवन शर्मा द्वारा महिला कल्याण विभाग जैसे और भी कई सामाजिक संस्थाओं के कर्मचारियों को विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया है जिसके बहुत ही सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए है। आयोग की अध्यक्ष डॉ गीता खन्ना ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई और पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को देहरादून और हरिद्वार में आयोजित करने के लिए कहा। डॉ पवन शर्मा ने बताया कि ये प्रशिक्षण कार्यक्रम खासतौर पर डिजाइन किए गए हैं जिनमें कर्मचारियों को पेशेवर काबिलियत बढ़ाने के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व के विकास में भी सहयोग किया जाएगा।