1 मार्च से पीआरडी जवान भूख हड़ताल को होगें बाध्य

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देहरादून। प्रान्तीय रक्षक दल हित संगठन उत्तराखण्ड के सदस्यों ने संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद मंद्रवाल के नेतृत्व में आयोजित बैठक में गुरूवार को भाग लिया। इस बैठक को आयोजित करने का मुख्य उदेश्य सरकार के समक्ष पीआरडी के जवानों की मूलभूत समस्याओं को रखना व उसका शीघ्र निवारण करवाना था इस बैठक के दौरान सगठन के अध्यक्ष प्रमोद कुमार मंद्रवाल ने बताया कि सरकार द्वारा कई बार पीआरडी जवानों की समस्याओं का शीघ्र निदान करने के बजाए सरकार समस्त पीआरडी जवानों की मूलभूत समस्याओं को अनदेखा कर रही है।

उन्होंनें बताया आज उत्तराखंड को एक अलग राज्य का दर्जा मिले लगभग 22 वर्ष बीत चुके है पर आज तक जरूरत से ज्यादा जोखिम भरा काम करने के बजाए पीआरडी के जवानों की समस्याओं का कोई ठोस हल सरकार नही निकाल नही सकी है और सरकार पीआरडी जवानों से सैतेला व्यवहार कर रही है। जिसके कारण समस्त पीआरडी के जवानों में गहरा रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि सरकार और पीआरडी विभाग को जब भी जरूरत पड़ती है तब वह पीआरडी के जवानों को संवेदनशील एवं अति संवेदनशील डयूटियों में भेज देती है व उसके बाद डिस्पोजल ग्लास की तरह इस्तेमाल करने के बाद फेंक देती और उन्हें घर पर बैठा देती है। बैठक के दौरान पीआरडी के समस्त सदस्यों ने सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि राज्य जब बन गया था तब हम लोगों ने सोचा था कि हमें अपने प्रदेश में रोजगार मिलेगा और हम अपने बच्चों का भरण पोषण शिक्षा एवं स्वास्थ्य अच्छे से करा सकेंगे।

वहीं पीआरडी के जवान है जिन्होंने वर्ष 2013 में केदारनाथ्र में आयी आपदा में डयूटी करते हुए कुछ जवानों ने अपनी जान तक गवा बैठे थे। उन्होंने यह भी कहा कि पीआरडी के जवान जिन्होंने वर्ष 2020-21 में करोना जैसी महामारी में अपनी और अपने परिवार की जान की परवाह किये बिना दिन रात बिना किसी मूल भूत सुविधा के इमानदारी और सत्य निष्ठा के साथ अपनी सेवाए लगातार देते रहें हैं। उन्होंने बताया कि कुंभ जैसी अति संवेदनशील डयूटी में भी पीआरडी के जवानों ने पूरी निष्ठा के साथ काम कर प्रदेश को अपनी सेवा मुहैया करवाई इसी तरह विगत 12 फरवरी 2023 को उत्त्राखंड में पटवारी, लेखपाल भती परीक्षा में अचानक विगत 11 फरवरी 2023 को रात दस बजे पीआरडी के जवानों के लिए आदेश दिये की सुबह सात बजे समस्त पीआरडी के जवानों अपनी डयूटियों मंें पहुंचना है।

उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार द्वारा हाल ही में एक बैठक के दौरान समस्त पीआरडी के जवानों को उपनल के कर्मचारियों के भांति प्राईवेट आउटसोर्स एजेन्सी में रखे जाने से प्रदेश के समस्त पीआरडी जवानों में गहरा रोष व्याप्त है और समस्त पीआरडी जवान स्वयं को ठगा स महसूस कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि विगत 31 जनवरी 2022 को पीआरडी जवानों के हित में 26 बिंदुओ का एक कार्यवृत्त तैयार किया गया था व उस पर आज तक कोई कार्यवाही नही हुइ साथ ही 2020 और 2021 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व पूव पीआरडी मंत्री अरविंद पाण्डे द्वारा पीआरडी विभाग कें कर्मचारियों के हित में की गई घोषणाओं को भी प्रशासन के सौतेले व्यवाहर के कारण आज तक पूरा नही किया जा सका है। उन्होंने बताया कि यह 28 फरवरी तक राज्य सरकार पीआरडी जवानों के हित में उचित कदम नही उठाती तो समस्त पीआरडी जवान आगामी 1 मार्च से भूख हड़तार व अनिश्चित कालीन धरने पर बैठने को मजबूर हो जाऐंगे। बैठक के दौरान गम्भीर सिंह रावत, गौतम कुमार, दिनेश उनियाल, जमशाद अली, लखपत सिंह रावत यशपाल सिंह चैहान, सावत्री यादव और अयज कुमार आदि मौजूद थे।