देहरादून। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत करते हुए डिजिट इंश्योरेंस के हेड ऑफ़ डायरेक्ट सेल्स विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि भारत के सबसे तेज़ी से बढ़ने वाले प्राइवेट जनरल इंश्योरर में एक डिजिट इंश्योरेंस ने आज हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम के चलन पर एक अध्ययन की रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक साल 2021 में क्लेम्स में 3.5 गुना तेज़ी से इजाफ़ा हुआ है। यह अध्ययन रीटेल और ग्रुप हेल्थ प्रोडक्ट पर डिजिट के सेटल हुए क्लेम के डेटा पर आधारित है जो साल 2020 और 2021 में जनवरी और दिसंबर के बीच करवाए गए। कोविड 19 महामारी के कारण क्लेम के चलन में दो वर्षों में आए बदलावों को समझने के लिए इंश्योरर ने 2021 के डाटा की 2020 के डाटा से तुलना की।
आम तौर पर दूसरी लहर के नाम से के लिए ज़िम्मेदार “डेल्टा” वेरिएंट की वजह से देश में 2020 की तुलना में साल 2021 में ज़्यादा लोग अस्पतालों में भर्ती हुए। इस वजह से पिछले साल की तुलना में 2021 में हर तरह के हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम में 257 प्रतिशत का इजाफ़ा हुआ। 2020 में मेट्रो और नॉन मेट्रो शहरों में लगभग बराबर क्लेम दर्ज हुए, लेकिन 2021 में मेट्रो की तुलना में नॉन मेट्रो शहरों नें 17 प्रतिशत ज़्यादा क्लेम देखने को मिले।डिजिट इंश्योरेंस के हेड ऑफ़ डायरेक्ट सेल्स विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि, “2021 में क्लेम की संख्या बढ़ना यह दर्शाता है कि कोविड-19 महामारी आने के बाद लोगों में हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर जागरुकता बढ़ी है। ख़ास तौर पर नॉन मेट्रो शहरों में इतना बड़ा उछाल दिखाता है कि किस तरह महामारी ने छोटे शहरों को प्रभावित किया है। मेट्रो और नॉन मेट्रो शहरों के समान टिकट साइज़ दिखाते हैं कि हेल्थकेयर पर ख़र्च का अंतर अब कम होता जा रहा है। इससे पता चलता है कि अब नॉन मेट्रो शहरों में भी हेल्थ इंश्योरेंस लेना बेहद ज़रूरी हो गया है।”
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