देहरादून। बीरपुर स्थित आर्मी कैंप में 117 वर्ष पुरानी 2/9 गोरखा राईफल्स ने अपने युद्व सम्मान कमरखाली के गौरवशाली 50 साल पूरे होने के उपलक्ष में एक विजय दौड़ का आयोजन किया।
इस विशेष दौड़ के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में सेवानिवत कर्नल ईश्वर थापा आज से 50 वर्ष पहले 14 दिसम्बर 1971 की रात में वीर गुरखाओं ने 120 मीटर मधुमती नदी को छोटी मछुआरो की नावों से पार किया और पाकिस्तानी फौज के महत्वपूर्ण कमरखाली शहर पर कब्जा कर पाकिस्तान के 9 इन्फेन्ट्री डिविजन को आत्मसमपर्ण के लिए मजबूर कर दिथा था।2/9 गोरखा राईफल्स के उत्कष्ट प्रदर्शन और शौर्य को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें दो वीर चक्र और युद्व सम्मान कमरखाली से सम्मानित किया।
इस विजय गाथा कि पांचवी स्वर्णीम जयंते मनाते हुए युनिट ने महिलाओं, बच्चों, सैनिकों और सेवानिवत्त सैनिकों के लिए विजय दौड़ का आयोजन किया। जिसमें 212 प्रतियोगियों ने इस विशेष दौड़ में भाग लिया। कार्यक्रम का समापन मुख्य अतिथि के रूप में सेवानिवत कर्नल ईश्वर थापा जो कि खुद 1971 भारत व पाकिस्तान युद्व में शामिल थे , उन्होंने विजेयताओं को पुरस्कार प्रदान कर उनको प्रोतसाहित किया।