उत्त्तराखण्ड के बाल पर्व को बच्चों के सृजन पर्व के रूप में मनाया जायेगा। जिसमें प्रदेश के विभिन्न स्कूलों के 10 हजार छात्र ड्राइंग पेंटिंग और लेखन के साथ प्रतिभाग करेंगे। सामाजिक संस्था धाद ने फूलदेई आयोजन करने के लिए 14 मार्च से 14 अप्रैल तक एक माह का कार्यक्रम घोषित किया है। साथ ही आम समाज से फूलदेई को नई पीढ़ी से जोड़ने की अपील भी जारी की है।आयोजन के केंद्रीय संयोजक गणेश चन्द्र उनियाल ने बताया कि आयोजन का शुभारंभ 14 मार्च को पद्मश्री प्रीतम भरतवाण की उपस्थिति के साथ जी जी आई सी राजपुर की छात्राओं के रचनात्मक प्रतिभाग के साथ होगा। आयोजन का समापन 14 अप्रैल को श्रेष्ठ प्रतिभाग के पुरस्कार और प्रदेश के विभिन्न स्कूलों को किताबों के कोने भेजेने के साथ होगा जिसमें धाद के सार्वजनिक शिक्षा के पक्ष में चलाए जा रहे कोना कक्षा का के 500 सदस्यों स्कूलों को आम समाज के लोग किताबे भेंट करेंगे।
15 मार्च से उत्तराखण्ड के विभिन्न्न स्कूलों में कहानी कविता लेखन और ड्राइंग के आयोजन होंगे। महीने भर चलने वाले आयोजन की श्रेष्ठ 100 प्रविष्टियों को समापन समारोह में पुरस्कृत किया जाएगा। फूलदेई माह में बाल कवि सम्मेलन और बाल साहित्य पर केंद्रित विमर्श और प्रकाशन भी किये जाएंगे। साथ ही समाज संस्कृति और बाल साहित्य से जुदे विभिन्न विषय विशेषज्ञ के साथ ऑनलाइन चर्चाओं का आयोजन किया जाएगा। धाद ने इस अवसर पर अपने गाँव के स्कूल से जुड़ने और उसमें फूलदेई रचनात्मक प्रतिभाग के लिए भी केम्पेन जारी किया है जिसमें लोग अपने गांव के स्कूल में इस आयोजन को कर सकते हैं इसके अंतर्गत उन्हें छात्रों के लिए फूलदेई शीट का प्रायोजन करना होगा। धाद ने आम समाज से अपील की है कि वे उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत के पर्व फूलदेई को अपने घरों की दहलीज पर फूल डाल कर अवश्य मनायें और नई पीढ़ी को उत्तराखण्ड की इस विषद परंपरा का हिस्सेदार बनाये।