देहरादून। तीर्थनगरी ऋषिकेश में हर साल की भांति इस साल भी अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। 1 से 7 मार्च 2023 तक आयोजित होने वाले इस महोत्सव में योग की जहां बारीकियों को सीखने का मौका मिलेगा, वहीं मन की शांति और स्वस्थ शरीर का अनोखा अनुभव भी प्राप्त होगा। इसके साथ ही यहां आने वाले योग साधक नृत्य, संगीत के साथ-साथ योग के विभिन्न आयामों पर भी चर्चा का लुत्फ भी उठा सकेंगे। हर साल की भांति इस साल भी सात दिवसीय महोत्सव में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की गूंज होगी।
एक मार्च को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी व पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज सहित कई अन्य अतिथियों की उपस्थिति में महोत्सव का शुभारंभ किया जाएगा। इस अवसर पर जहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा वहीं गंगा आरती यहां आए योग साधकों को आकर्षित करेगी। इस भव्य कार्यक्रम के शुभारंभ के साथ ही तीर्थनगरी ऋषिकेश में एक सप्ताह तक उत्सव का माहौल बन जाएगा। विशिष्ट योगाचार्यों में पदमश्री शिवानंद, पद्मश्री भारत भूूषण जी व पद्मश्री रजनीकांत जी हिस्सा ले रहे हैं।
वहीं ईशा फाउंडेशन, आर्ट ऑफ लिविंग, रमामणि अयंगर स्मृति योग संस्थान, कैवल्यधाम, कृष्णमाचार्य योग मंदिरम और शिवानंद योगा स्कूल के प्रशिक्षकों की मौजूदगी में साधक योग की बारीकियों को सीख सकेंगे। योग साधकों के लिए सात दिन की दिनचर्या तय रहेगी और अलग-अलग विषयों पर साधकों को प्रशिक्षिण दिया जाएगा। प्रतिदिन सुबह योग सत्र आयोजित किए जायेगें। इसके साथ ही ड्रोन शो का आयोजन किया जायेगा।
योग एक साधना है जिसके जरिए शरीर, मन और आत्मा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसको ध्यान में रखकर अलग-अलग विषयों पर परिचर्चा का आयोजन भी होगा। जिसमें डा. अनिल थपलियाल, डा. नवदीप जोशी, डा. प्रिया आहूजा, डा. रोहित सब्बरवाल, प्रो. वीके अग्निहोत्री, प्रो. सुनील जोशी, डा. उर्मिला पांडे जैसे विशेषज्ञ अपने विचार व्यक्त करेंगे। डॉ0 सुनील जोशी उप कुलपति उत्तराखण्ड आयु वि0 द्वारा नाड़ी परीक्षण एवं मर्म चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जायेगा। इसके अलावा रूजुता दिवेकर सेलेब्रिटी पोषण विशेषज्ञ के साथ ही रागिनी मक्कड़, नितिश भारती, अनूज मिश्रा, सुजीत ओझा जैसे कलाकार अपने नृत्य, कला, संगीत के जरिए साधकों का मन मोहेंगे। लोक नृत्य और संगीत की अद्भुत प्रस्तुति भी महोत्सव में चार चांद लगाएगी।
भारत योग के माध्यम से विश्व को शांति का संदेश दे रहा है। इसलिए इस अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में दुनिया भर से लोग योग की बारीकियां सीखने के लिए आते हैं। वैसे भी योग नगरी के नाम से प्रसिद्ध ऋषिकेश के नैसर्गिक सुंदरता भी ऐसी है लोग खुद बखुद यहां प्रकृति का आनंद लेने के लिए आ जाते हैं। लेकिन महोत्सव के कारण लोग और भी आकर्षित हो जाते हैं कि यहां के घूमने के बहाने योग की साधना भी हो जाएगी। यानी यहां आकर प्रकृति के साथ साक्षात्कार तो होगा ही, साथ ही योग साधना के जरिए ईश्वर से भी साक्षात्कार का अनुभव प्राप्त होगा।