हेली सेवा में उत्तराखंड को मिला सबसे सक्रिय राज्य का पुरस्कार

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देहरादून। नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से आयोजित ग्लोबल एविएशन समिट में उत्तराखंड ने हेली सेवा में सबसे सक्रिय राज्य का पुरस्कार प्राप्त किया। हैदराबाद के बेगमपेट हवाई अड्डे पर आयोजित एशिया का सबसे बड़ा नागरिक उड्डयन शो, विंग्स इंडिया 2022 में नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने पर्यटन व नागरिक उड्डयन सचिव श्री दिलीप जावलकर को यह पुरस्कार दिया।

पर्यटन व नागरिक उड्डयन सचिव श्री दिलीप जावलकर ने कहा कि सरकार उड्डयन क्षेत्र के सभी हितधारकों के साथ एक रचनात्मक सहयोगी बन नागरिक उड्डयन के विकास के लिए उनके साथ मिलकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य होने के कारण हवाई संपर्क और बुनियादी ढांचे के महत्व को समझता है। वर्तमान में प्रदेश के 22 रूटों पर हेली सेवाएं दी जा रही हैं। उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने और देश-दुनिया से आने वाले पर्यटकों को यातायात की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ समय की बचत की जा रही है। अब तक यहां आने वाले सैलानियों को देहरादून से पहाड़ी इलाकों में जाने के लिए सड़क मार्ग का सहारा लेना पड़ता था, जिससे उन्हें वक्त ज्यादा लगता था। हेली सेवा होने की वजह से उनके समय की बचत होगी और पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटन बढ़ेगा।

विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री व गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर 03 मई को, केदारनाथ धाम के कपाट 06 मई, और बदरीनाथ धाम के कपाट 08 मई को खोले जाएंगे। ऐसे में उत्तराखंड आने वाले तीर्थयात्री व पर्यटक आसानी से हेली सेवाओं के माध्यम से चारधाम की यात्रा करने के साथ राज्य के अन्य जगहों पर भी पहुंच पाएंगे। उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) योजना के तहत हेलिकॉप्टर की सुविधा देहरादून से टिहरी, देहरादून से गोचर, देहरादून से श्रीनगर, टिहरी से श्रीनगर, सहस्त्रधारा से चिन्यालीसौड़, देहरादून से हल्द्वानी और पंतनगर से पिथौरागढ़ के लिए दी जा रही है।

13 हेलीपोर्ट क्षेत्रीय संपर्क योजना-उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) योजना के तहत विकसित किए जा रहे हैं। क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत सहस्त्रधारा और श्री केदारनाथ धाम में दो अत्याधुनिक यात्री टर्मिनल भवनों का निर्माण किया जा रहा है। जिससे तीर्थयात्रियों को सुविधा मिलेगी। इसके अलावा, राज्य में हेलीपोर्ट/हेलीपैड के विकास के लिए 24 स्थानों को चिन्हित किया गया है जो यह सुनिश्चित करेगा कि प्रदेश के सभी जगहों को हेली सेवा से जोड़ा जा सकेगा। जबकि राज्य जल्द ही सहस्त्रधारा से अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ से अल्मोड़ा से सहस्त्रधारा, हल्द्वानी से मुनस्यारी, पिथौरागढ़ से मुनस्यारी और हल्द्वानी के लिए हेवी सेवा शुरू की जाएगी। उपलब्ध संसाधनों और सक्रिय पर्यटन स्थलों के आधार पर ऐसे पांच जगहों को चिन्हित किया गया है। जिन्हें वाटर एयरोड्रोम के रूप में विकसित किया जा सकेगा। इससे प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।