देहरादून,विकासनगर: ग्राम सोरना, परगना पछवादून तहसील विकासनगर जिला देहरादून में हो रहे अवैध निर्माण की गतिविधियों थमने का नाम नही ले रही है।
इस मामले से प्रताड़ित लोगों का उक्त विवाद को लेकर स्थानीय पुलिस व प्रशासन भी लोगों को राहत देने के बावजूद लोगों को उनका हक दिलवाने के बजाए कुछ नही कर रहे हैं। जिससे अवैध निर्माण बदस्तूर जारी है जहां एक और अवैध निर्माण से पहाड़ों के सौंदर्य पर गहण लग रहा है व दूसरी ओर हरे भरे जगल कांक्रीट में तब्दील हो रहे है साथ ही अवैध निर्माण पर कार्रवाई न होने से जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठाना लाजमी है।
ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषकर जबरन कब्जा कर के तथा पटवारी की मिलीभगत से कृषि की भूमि को आबादी दिखा कर उसपर अवैध नक्शा पास कराके निर्माण कार्य जाने के बहुत से मामले सामने आए हैं।उन्होंने बताया कि प्रार्थी निशांत सिंह पुत्र स्व0 भीम सिंह निवासी ग्राम सोरना परगना पछवादून तहसील विकासनगर जिला देहरादून द्वारा आबादी भूमि खसरा न 1417 मिन रकबा 0.0847 है स्थित मौजा सोरना परगना पछवादून तहसील विकासनगर जिला देहरादून का सह मालिक सह स्वामि व काबिज अध्यासी है तथा प्रार्थी द्वारा उपरोक्त सम्पत्ति के सम्बंध में एक वाद बटवारा व स्थायी विषेधाज्ञा हेतु विपक्षी सौरभ पुत्र आनंद सिंह, श्रीमती सत्यवती नेगी पत्नी आनन्द सिंह तथा मिस हिमानी पुत्री आनन्द सिंह व अन्य औपचारिक प्रतिवादीगण के विरूद्ध सिविल जज विकासनगर देहरादून के न्यायलय में योजित किया गया था जो मूल वाद स0 64 सन् 2021 निशांत कुमार बनाम सौरभ आदि के नाम से रजिस्टर हुआ व वर्तमान में माननीय न्यायलय द्वारा विगत 22 दिसम्बर 2021 को प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत अंतरिम निषेधाज्ञा प्रार्थना पत्र को निस्तारित करते हुए विपक्षीगण को वादग्रस्त भूमि में अवैध निर्माण व हवा पानी अवरूद्ध करने व वादग्रस्त सम्पत्ति की एक्सेस अवरूद्ध करने से निषिद्ध किया गया था ।
किन्तु माननीय न्यायलय द्वारा पारित आदेश दिनांक 22 दिसम्बर 2021 के उपरांत भी विपक्षीगण वादग्रस्त भूमि को अवरूद्ध करने हेतु प्रयासरत है व प्राथी द्वारा जब विपक्षीगणों को यह बताया गया कि वह वादग्रस्म भूमि में किसी प्रकार का कोई भी अतिक्रमण नही कर सकते है तो विपक्षीगण ने माननीय न्यायलय के आदेश को मानने से इंकार करते हुए उक्त भूमि पर मनमाने रूप से अतिक्रमण किया। ऐसा ही एक मामला विकासनगर के अंतरगत सोरना गाव का भी आया है जिनमे कृषि की भूमि को मिलीभगत से आबादी दिखा कर नक्शा पास किया जा रहा था। प्रशासन ने इस मामले पर विशेष संज्ञान लेते हुए उक्त मामले की जांच के आदेश दिया है तथा पटवारी की भूमिका की जांच करने का भी आश्वासन दिया है।