सरस मेले में प्रस्तुत किए गये लोकनृत्य व गीतों से मंत्रमुग्ध हुए दून के लोग

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देहरादून। सरस मेले के  दसवे दिन के दौरान सूबे के स्थानीय लोगा में खूब उत्साह देखने को मिला सरस मेले में दसवें दिन मौजूद लोगांे ने कश्मीरी शॉल,स्वेटर लेडीज सूट, अखरोट, और कश्मीर के बादाम आदि की खूब जमकर खरीदारी की। सांस्कृतिक संध्या मैं वही  लोक सरसगायक करण रावत ने गढ़वाली लोकगीत व नृत्य की प्रस्तुत कर सरस मेले के माहौल को और ज्यादा लुभावना कर दिया।वही अंशु थपलियाल क्लासिकल गायक-दइेचय -दइेचयरंगी सारी गुलाबी- (दादराध्रागरू- मिश्र पहाड़ी) हमरी अटरिया पे – (दादराध्रागरू-मित्र भैरवी उपस. बैलम परदेसिया हाय-(दादरा रागरू-पहाड़ी) च्।ळम् गढ़वाली गीत-मन भरमैगी मेरी, बातें मुरलिया – भजन रू सांस्कृतिक संध्या,।उपशास्त्रीय संगीत के अंतर्गत ठुमरी, दादरा, कजरी और अंत में दर्शकों की 18 मांग पर, लतानी एवं. भीमसेन जोशी जी द्वारा रचित एवं गाया बाजे मुरलिया भजन द्वारा गाय समाप्ति हुई।

अंशु थपलियाल ने संगीत की उच्च तालीम डा. मीता चक्रवर्ती, पं. मुरली घर जगूड़ी जी, एवं विदूषी सुलोचना बृहस्पति से ली हैं। अपनी उत्तम प्रस्तुति से अंशुजी नेदशकों को अपनी परिचय कराया।ढचझबोल बनाव गायन ने बना दिया। व अति उत्तम भावप्रवण पूरा माहौल ही संगीतमय बना दिया। रामपुर परंपरा की अग्रणी व बहुमुखी प्रतिभा की धनी कलाकार है। और उत्तराखण्ड में उन्होंने एक अलग पहचान बनाई है। सरस मेले में सीडीओ सुश्री झरना कमठान परियोजना निदेशक श्री आरती तिवारी एवं डीडीओ श्री सुशील मोहन डोभाल तथा सरस मेले में कार्य कर रहे कार्मिक उपस्थित रहे।

सरस मेले मे हमत स्वयं सहायता समूह बिहार शंकर सहायता समूह.  संस्था समूह केरल उज्जवला स्वयं सहायता समूह महाराष्ट्र सन सुखी संसार का समूह मेघालय श्री राम स्वयं सहायता समूह हरियाणा सायापात्री सहायता समूह सिक्किम वैष्णवी सहायता समूह राजस्थान दवीयनखासा समूह छत्तीसगढ़ कृष्णा स्वयं  सहायता समूह. मेले में शनिवार की वजह होने से लोगों की काफी भीड़ गई और लोगों ने दिवाली की भी खरीदारी खूब करें किसी भी अधिकारी ने बता या कि यहां मेला हमारा बहुत सफल रहा और हम इस मेले से हमारे जितने भी लोग बाहर दूरदराज से आए थे काफी खुश नजर आए।