देहरादून l गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, आढ़त बाजार के तत्ववाधान मे सिंह सभा लहर का 150 साल स्थापना दिवस कथा – कीर्तन द्वारा मनाया गया पूर्व जत्थेदार तख्त दमदमा साहिब ने कहा कि समागम गुर सिद्धांतों की रौशनी मे सामाजिक इंसाफ और बराबरी को समर्पित है l
रहिरास साहिब के पाठ के पश्चात गुरुद्वारा साहिब के हजूरी रागी भाई चरणजीत सिंह ने ‘जो मागहि ठाकुर आपने ते सोई सोई देवै’ का शब्द गायन किया,ज्ञानी शमशेर सिंह हैंड ग्रंथी गु. श्री गुरु सिंह सभा ने बताया कि अमृतसर से सिंह सभा लहर जुलाई 1873 में आरंभ हुई, जिसके पहले चेयरमैन सरदार ठाकुर सिंह संधवलिया और सकतर ज्ञान सिंह बने,1879 में लाहौर से प्रोफेसर गुरमुख सिंह ने सिंह जी ने धर्म परिवर्तन की रोकथाम को रोकने के लिए सभा लहर आरंभ की और अमृतसर में मुख्य ऑफिस चीफ खालसा दीवान बनाया ।
ढाड़ी जत्था भाई बलबीर सिंह ने सिंह सभा लहर का इतिहास का वर्णन किया l प्रो. शाम सिंह प्रधान केंद्री गुरु सिंह सभा ने कहा कि सिख रहत मर्यादा का दुनियां भर के सिखों को पालन करना चाहिए l डॉ. खुशहाल सिंह ने कहा कि हमें प्रति वर्ष सिंह सभा लहर का स्थापना दिवस मनाना चाहिए l सिख विद्वान रविंदर सिंह राही ने जात पात मुक्त सांझीवालता पर आधारित सिख समाज की सृजना होनी चाहिए l कर्नल जगतार सिंह मुल्तानी ने कहा कि दलित वर्ग के जीवन और विदिअक पधर को ऊँचा उठाना चाहिए l सिखों की अलग पहचान एवं उनकी हस्ती को मजबूत करना चाहिए l
मंच का संचालन तख्त दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार केवल सिंह एवं देविंदर सिंह भसीन ने किया l महासचिव गुलज़ार सिंह ने बताया कि 6 अगस्त 2023 दिन रविवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा आढ़त बाजार की प्रबंधक कमेटी के सहयोग से गुरुद्वारा श्री गुरु नानक निवास 60.सुभाष रोड में प्रातः 4:00 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक धर्म प्रचार के हेतु में विशेष दीवान सजेगा, जिसमें दरबार श्री अमृतसर साहिब जी के हजूरी रागी जत्थे पहुंच रहे हैं।।हैंड ग्रंथी भाई शमशेर सिंह ने सरबत के भले के लिए अरदास की, प्रधान, गुरबख्श सिंह राजन व जनरल सेक्रेटरी गुलज़ार सिंह द्वारा संगतों को सिंह सभा लहर के 150 साल की शताब्दी बधाई दी ।
कार्यक्रम के पश्चात संगत ने गुरु का लंगर व प्रशाद ग्रहण किया l इस अवसर पर सरदार गुरबख्श सिंह राजन अध्यक्ष, गुलज़ार सिंह महासचिव, चरणजीत सिंह उपाध्यक्ष,देविंदर सिंह मान, मंजीत सिंह,सेवा सिंह मठारु,गुरप्रीत सिंह जौली, सरदार सतनाम सिंह, अरविन्दर सिंह,देविंदर सिंह भसीन,हरबन्स सिंह, सुरजीत सिंह, गुरदियाल सिंह, राजिंदर सिंह राजा आदि उपस्थित रहे।