देहरादून:गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, आढ़त बाजार के तत्ववाधान में गुरु तेग बहादुर जी एवं गुरु अर्जुन देव साहिब जी का पावन प्रकाश पर्व कथा -कीर्तन के रूप में श्रद्धा एवं उत्साह पूर्वक मनाया गया l
प्रात: नितनेम के पश्चात हज़ूरी रागी भाई सतवंत सिंह जी ने आसा दी वार का शब्द “काहे रे बन खोजन जाई।। सरब निवासी सदा अलेपा तोही संगि समाई।।” का गायन किया,गुरुद्वारा साहिब जी में श्रीमान बावा परिवार की तरफ से रखें गये श्री अखंड पाठ साहब जी भोग डाले गऐ एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमिंदर सिंह छाबड़ा के परिवार तरफ से निशान साहिब जी के चोले की सेवा की गई।।
हजूरी रागी भाई चरणजीत सिंह जी ने “चेतना है तउ चेत ले निसि दिनि मैं प्राणी” एवं”नामु दानु इसनानु दिडि गुरमुखि भाइ भगति निसतारा, गुरु अरजुण सचु सिरजणहारा” का शब्द गायन किया , ज्ञानी शमशेर सिंह जी हैंड ग्रंथी ने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब जी ने बचपन में अपने पहने हुए कपड़े उतार कर ग़रीब बच्चे को पहनाएं,15 रागों में 59 शब्द व 57 सलोक उच्चारण करें एवं गुरु अर्जुन देव साहब जी ने अपना सारा जीवन मनुष्यता की भलाई में लगाया, उन्होंने 30 रागों में बाणी उच्चारण की।।
भाई शमशेर सिंह जी ने सरबत के भले के लिए अरदास की,सरदार गुरबख्श सिंह राजन जी व सरदार गुलज़ार सिंह जी द्वारा संगतों को गुरु साहिब के प्रकाश पर्व की बधाई दी एवं गुरुओ के बताए हुए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया, मंच का संचालन दविंदर सिंह भसीन जी द्वारा करते हुए कहा कि हम सभी को ऐसे ही आपस मे प्रेम व श्रद्धा से गुरु साहिब जी के प्रकाश पर्व मनाने चाहिए।।
14 अप्रैल को खालसा साजना दिवस एवं वैसाख महीने की सगरांद सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक कथा कीर्तन के रूप में मनाये जाएगे जिसमें प्रसिद्ध रागी भाई साहब भाई सुखजीत सिंह जी हुजूरी रागी दरबार श्री अमृतसर साहिब संगतों को कीर्तन द्वारा निहाल करेंगे।।
कार्यक्रम के पश्चात संगत ने गुरु का लंगर व प्रशाद ग्रहण किया,
इस अवसर पर सरदार गुरबख्श सिंह जी राजन अध्यक्ष, सरदार गुलज़ार सिंह महासचिव, सरदार जगमिंदर सिंह छाबड़ा वरिष्ठ उपाध्यक्ष ,सरदार चरणजीत सिंह उपाध्यक्ष,सरदार मंजीत सिंह, देवेंद्र सिंह भसीन,गुरप्रीत सिंह जौली जी, सरदार सतनाम सिंह जी,सरदार अरविन्दर सिंह जी आदि उपस्थित रहे।।