देहरादून, 21 जुलाई। प्रख्यात सामाजिक संस्था फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसायटी ने कार्यक्षेत्र में महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न से बचाव की जागरूकता के लिये ऑनलाइन कार्यशालाओं की श्रंखला की मुहिम के माध्यम से देश भर में प्रतिभागियों को कार्यक्षेत्र में यौन उत्पीड़न के बारे में में बताया। ये श्रंखला 18 जुलाई से 21 जुलाई तक 8 कार्यशालाओं के साथ संपन्न हुई, जिसमें प्रत्येक दिन दो कार्यशालाओं का आयोजन होता रहा। इन कार्यशालाओं को फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसायटी के विशेषज्ञों ने कार्यक्षेत्र में यौन उत्पीड़न के संबंधित कानून पॉश ऐक्ट 2013 के नियम और प्रावधानों के बारे में बताया और प्रतिभागियों के सवालों के संतोषजनक जवाब दिये। डॉ पवन शर्मा ने बताया कि जाने अनजाने कर्मचारी ऐसी कई हरकतें कर बैठते हैं जो कि इस कानून के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आते हैं और अधिकतर महिला कर्मचारी इन कानूनों और प्रावधानों के बारे में न जानकर इसके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पातीं।
ये उत्पीड़न गुस्सा, चिड़चिड़ापन, अवसाद, हताशा, याददाश्त की कमी, अकेलापन, उदासी, शर्मिंदगी और आत्मघाती प्रवृत्तियों जैसी कई मानसिक चुनौतियों की उत्पत्ति का कारण बनते हैं इसलिये ऐसे जागरुकता कार्यक्रम के द्वारा एक सुरक्षित कार्यक्षेत्र के निर्माण और उसे सुरक्षित बनाये रखने के लिए कर्मचारियों का जागरूक होना आवश्यक है। इस कार्यशाला में शिक्षा संस्थान, उत्पादन, कारखाने, विक्रय, गोदाम, लघु और मझोले उद्योगों के कर्मचारियों और पेशेवर छात्रों ने प्रतिभाग किया और लाभान्वित होने पर भविष्य में इस तरह के कार्यक्रम को आयोजित करने की माँग की। आपको बताते चलें कि फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसायटी इस तरह के यौन अपराधों के लिए निःशुल्क कानूनी सलाह और मदद मुहैया कराती है।