देहरादून। महाराजा जस्सा सिंह रामगढ़िया जी के जन्म दिवस को समर्पित 62वां वार्षिक विश्वकर्मा दिवस श्रद्धा पूर्वक कथा-कीर्तन के रूप में मनाया गया। रामगढ़िया भवन, पटेल नगर में आयोजित कार्यक्रम मे प्रातः श्री अखण्ड पाठ साहिब जी के भोग के पश्चात काका मनप्रीत सिंह ने शब्द अमृत नाम परमेश्वर तेरा जो सिमरे सो जीवय, भाई प्रीतम सिंह, लिटिल ने शब्द अवल अल्लाह नूर उपाया कुदरत के सब बन्दे, एक नूर ते सब जग उपजिया कौन भले कौन मंदे गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा के हेड ग्रंथी ज्ञानी शमशेर सिंह रप ने कहा कि जीवन एवं रोजी रोटी देने वाला दाता ही है, जस्सा सिंह रामगढ़िया ने 1783 मे दिल्ली फतह की एवं तख्ते ताउस को गुरु रामदास जी के स्थान पर ले आये,बाबा विश्वकर्मा जी शिल्प कला के जन्म दाता है।
भाई देविंदर सिंह, हजूरी रागी गुरुद्वारा पटेलनगर ने शब्द हल्ले यारा हल्ले यारा खुश खबरी एवं रागी भाई मनजीत सिंह मीत ने शब्द मेरे बाबा मैं बउरा सब खलक सेयानी मैं बउरा एवं धन धन धन जन आया जिस प्रसाद सब जगत तराया का गायन कर संगत को निहाल किया स गुरबक्श सिंह राजन, गुलजार सिंह, जगमिंदर सिंह छाबड़ा, चरणजीत सिंह चन्नी, हरमोहिंदर सिंह, जसविंदर सिंह को सरोपे देकर सम्मानित किया। मंच का संचालन स. करतार सिंह एवं महासचिव सेवा सिंह मठारु ने किया एवं बिरादरी को सभा के सदस्य बनने के लिये प्रेरित किया। कार्यक्रम के पश्चात संगत ने लंगर छका स इस अवसर पर सभा के अध्यक्ष स. सुरजीत सिंह जुतले, उपाध्यक्ष परमजीत सिंह कुंदी महासचिव सेवा सिंह मठारु, कोषाध्यक्ष रघुवीर सिंह, सचिव राजिंदर सिंह राजा,लक्खा सिंह, दिलबाग सिंह, गुरमीत सिंह मीता, करतार सिंह, बलदेव सिंह, मनजीत सिंह चान्ना, सुरिंदर सिंह रामगढ़िया, गुरदीप सिंह, हरबन्स सिंह, ईश्वर सिंह,अरविन्दर सिंह,सेवा सिंह हुंजन,हरचरण सिंह चान्ना,चरणजीत सिंह, आदि सहयोग कर रहे थे।
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