देहरादून आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस का नारा बड़ी जोर शोर से गाने वाली भाजपा ने राज्य को भ्रष्टाचार के गर्त में डुबो दिया है। उत्तराखंड राज्य में भाजपा के कार्यकाल में भ्रष्टाचार और घोटालों की एक लम्बी सूची है। इसकी बुनियाद भाजपा ने राज्य निर्माण के साथ ही अपनी अंतरिम सरकार के कार्यकाल में डाल दी थी। कांग्रेस और भाजापा ने मिलकर भ्रष्टाचार की इस बेल को पिछले 22 सालों में खाद पानी देकर पनपाया और राज्य के बेरोजगार नौजवानों के अधिकारों पर डाका डालने का पाप किया है।
राज्य के वह प्रतिभावान नौजवान जो योग्य थे, जो पात्र थे, वास्तव में इन नौकरियों के हक़दार थे के हक़ को मारकर भाजपा व कांग्रेस की सरकारों में बैठे लोगों ने वह नौकरी किसी अपात्र को बेच दी। आज वह पात्र नौजवान नौकरी की उम्र की सीमा लाँघ गया है। क्या भाजपा की यह सरकार और कांग्रेस पार्टी दोनों मिलकर उत्तराखंड के उन नौजवानों को मिलने वाली नौकरी वापस लौटा सकती है? यह राज्य के हर उस माता पिता के मन में, राज्य के हर उस नौजवान के मन में सबसे बड़े सवाल के रूप में है।
दूसरा बड़ा सवाल है कि पिछले 22 सालों में रिश्वत देकर नौकरी पाने वाले लोग किसी भी दशा में अपने पेशे के साथ न्याय नहीं कर सकते हैं। वह सब जनता की जेब पर डाका डाल रहे होंगे। जनता का खून चूसने वाली इन जोंकों से जनता को कौन बचाएगा इस सवाल का जबाब भी राज्य की जनता इन दोनों पार्टियों से मांग रही है। भाजापा और कांग्रेस जनता के सवालों को मिलकर के टाल रही हैं।
राज्य निर्माण आन्दोलन के शहीदों ने या राज्य निर्माण सेनानियों ने ऐसे भ्रष्टाचार युक्त राज्य के लिए लड़ाई नही लड़ी थी। राज्य के राजनेताओ से लेकर कुछ नौकर शाह नौकरी की भर्तियों में लगातार घोटाले करके बेरोजगारों का मुंह चिढ़ा रहे हैं। राज्य में विकास और बेरोजगारों को रोजगार का सपना बर्षों बाद भी सपना ही बनकर रह गया है। राज्य का मीडिया धन्यवाद का पात्र है कि उन्होंने पूरी जिम्मेदारी के साथ इस भ्रष्टाचार को उजागर करने में अपने कर्तव्य का पालन किया।
2006 से 2021 में विभिन्न विभागों की 16 भर्ती परीक्षाओं की टेस्ट एवं सलेक्सन कमिटी के समन्वयक रहे पन्त नगर कृषि विश्वविध्यालय से सेवानिवृत अधिकारी दिनेश चन्द्र जोशी की अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं के पेपर लीक के मामले में गिरफ़्तारी एक और परीक्षा घोटाले की तरफ मजबूत इशारा करती है।
कुल मिलाकर विगत 22 वर्षों में भाजपा और कांग्रेस ने मिलकर उत्तराखंड की जनता को बेवकूफ बनाकर राज्य के प्रतिभावान युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए अपनों को नौकरियां देकर शहीदों के सपनों को धूल धूसरित करने का काम किया। यह बड़े ताज्जुब की बात है कि जो आसन सरकार को अपने काम काज के लिए दिशा निर्देश देता है उस पर आसीन व्यक्ति नियम क़ानून का हवाला देकर बिना हिचक स्वीकार कर रहे हैं कि उन्होंने यह सब किया है।
विधानसभा की अध्यक्ष जी से लेकर पूर्व अध्यक्षों द्वारा विशेषाधिकार का हवाला देना आश्चर्य जनक है। किसी भी पदधारित व्यक्ति को विशेषाधिकार संविधान के दायरे में ही मिले होते हैं। संविधान से ऊपर कोई भी नहीं है। इसलिए कानून के जानकार व्यक्तियों द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए किया गया भ्रष्टाचार ज्यादा बड़ा और अक्षम्य अपराध है।
उत्तराखंड को भ्रष्टाचार में झोंकने वाले किसी भी शक्स को माफ़ नहीं किया जाना चाहिए। इसलिए हमारी मांग है कि राज्य सरकार सभी मामलों की जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता वाली कमेटी से करवाए।
पत्रकार वार्ता के दौरान पार्टी के उपाध्यक्ष डॉ आरपी रतूड़ी उमा सिसोदिया गढ़वाल मीडिया प्रभारी रविंद्र सिंह आनंद प्रदेश प्रवक्ता कमलेश रमन ,मुकेश पांडे ,अशोक सेमवाल सीपी सिंह आदि शामिल थे ।
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