देहरादूनः- प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री करन माहरा के निर्देश पर राज्य में बढी हुई विद्युत दरों और गैस के दाम में वृद्धि को लेकर देहरादून महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. जसविन्दर सिंह गोगी के नेतृत्व में महानगर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एस्लेहाल चौक पर राज्य सरकार का पुतला दहन कर कड़ा विरोध किया। इस अवसर पर महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. गोगी ने कहा कि पहले से ही देश में बेरोजगारी, महंगाई, जैसे गंभीर मुद्दों को भाजपा सरकार ने नजरअंदाज किया है और फिर उपर से विद्युत दरों को बढ़ाकर एक बोझ और दे दिया है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड से पवित्र नदियों का उद्गम हो रहा परन्तु उत्तराखण्ड की जनता के साथ राज्य सरकार का इस तरह का व्यवहार हतप्रभ करने वाला है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की नदियों से विद्युत उत्पादन हो रहा है परन्तु दुर्भाग्य है कि राज्य की जनता को सस्ती विद्युत मिलने के बजाय महंगी मिल रही है। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की नदियां मैदानी क्षेत्रों में सिंचाई के काम आ रही है।
महानगर अध्यक्ष डॉ. गोगी ने कहा कि पूरा देश वैश्विक महामारी कोरोना के कारण गंभीर रूप से पीडित था और लाखों लोग बेरोजगार हुए हैं रोजगार के साधन, व्यवसाय ठप्प पडे हुए हैं परन्तु भाजपा सरकारें लोगों की पीडा को दर किनार करते हुए हर क्षेत्र में मंहगाई बढ़ाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि लोगों के पानी बिजली के दाम कम करने की बजाय भाजपा सरकार उनके दाम बढ़ा कर लोगों के घावों पर नमक छिडकने का काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य विद्युत उत्पादक राज्य के रूप में जाना जाता है यहां पर टिहरी बांध, कोटेश्वर, मनेरी-भाली सहित उत्तराखण्ड में वर्तमान में, 25 जल-विद्युत परियोजना (6 मध्यम एवं 19 लघु) 2378 मेगावाट क्षमता के साथ निर्माणरत चरण में हैं, तथा 21,213 मेगावाट क्षमता वाली 197 जल-विद्युत परियोजनाएं उत्तराखंड के विभिन्न नदी घाटियों में प्रस्तावित हैं। ऐसे में जल विद्युत परियोजनाओं से राज्यवासियों को लाभ के रूप में घरेलू उपभोग के लिए मात्र 1 रूपये 50 पैसे प्रति यूनिट पर बिजली दी दी जानी चाहिए जो कि यहां के निवासियों का अधिकार भी है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के किसानों को खेती के लिए मुफ्त बिजली दी जानी चाहिए क्योंकि य विद्युत परियोजनाओं की लाईनों के लिए यहां के किसानों की भूमि अधिग्रहित गई है जिसका कोई भी मुआवजा भी किसानों को नहीं दिया जाता है।
डॉ. गोगी ने कहा कि सरकार विद्युत उपभोक्ताओं से पहले ही मीटर चार्ज के रूप में कई वर्षों तक किराया वसूल करती है जबकि विद्युत मीटर की कीमत मात्र कुछ ही समय में पूरी हो जाती है साथ ही जमानत के रूप में कनेक्शन लेते समय मोटी रकम वसूली जाती है। उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार बढी हुई विद्युत दरों को शीघ्र वापस लेने, राज्य के किसानों को मुफ्त बिजली देने के साथ ही उपभोक्ताओं को एक श्रेणी में लाया जाय तथा दो वर्ष बीतने के उपरान्त उपभोक्ताओं के ऊपर से फिक्स चार्ज व मीटर किराया समाप्त किया जाए।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रदेश उपाध्यक्ष ( संगठन) मथुरा दत्त जोशी, प्रदेश उपाध्यक्ष पूरन सिंह रावत,प्रदेश महामंत्री गोदावरी थापली,प्रदेश मुख्य प्रवक्ता गरिमा दौसैनी, प्रदेश महामंत्री मनीष नागपाल, उपेंद्र थपली,सत्या पोखरियाल,पिया थापा, अरुण शर्मा,अर्जुन सोनकर,मुकीम अहमद,सुरज छेत्री,अनिल नेगी, कासिफ़ जैदी,एस बी थापा, वीरेंद्र बिष्ट,चतर सिंह रावत, वीरेंद्र पवार, विकास ठाकुर ,मोहित ग्रोवर,कुलदीप नरूला,सोनू रावत,अभिनव थापर,मोहन कला ,शमीम मसूरी,शुभम सैनी,प्रमोद मुंशी,अरविंद गुरुंग,अरुण रतूड़ी,मुकेश गैरोला,सुमित देवरानी, अमनदीप, विनोद ममगाई, अरविंद चौधरी,हरजोत सिंह,फैसल,सुलेमान,मनीष गर्ग,आलोक मेहता,कपिल ,पवन खरोला,संजय भारती आदि मौजूद थे।