देहरादून 12 जून. निरंकारी संत समागम में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने कहा की आज देहरादून में सत्संग का आंनद लेते सभी के मनों के भाव यही कह रहे हैं किस प्रकार परमात्मा के साथ जीते जी हम हर समय जुड़े रहें क्योंकि जब जीवन में परमात्मा की प्राप्ति ब्रह्मज्ञान द्वारा हो जाती है तो फिर हर पल इस परमात्मा का एहसास करना संभव हो जाता है जब हम जीते जी हर पल इसके एहसास में रहते हैं तो भक्ति सहज रूप में होती चली जाती है।
आगे कहा कि प्रेम शांति और सदभाव से जीना ही भक्ति है। संत हमेशा दूसरों को सुख पहुंचाने का प्रयास करते है। कठोर वचनों को भी सहजता से सह लेते हैं। और अपने अन्दर वैर विरोध नफरत का भाव नहीं पनपने देते। संत शीतल जल के समान होते हैं जहां भी जाते हैं वहां ठंडक पहुंचाते हैं। विपरीत भाव और वचन सह लेने वाले ही वास्तव में गुरसिख होते है। ब्रह्मज्ञानी संत महात्माओं का संग मानव जीवन को प्रेम दया करुणा विशालता सहनशीलता नम्रता सहजता जैसे अनेक दैवीय गुणों से भर देता है। गुरसिख जीवन में सेवा सुमिरन सत्संग करते हुए जीवन जीता हैं तो भक्ति का भरपूर आनंद महसूस होता है। जब गुरसिख जीवन में किसी इंसान में कोई फर्क नहीं देखता सबमें परमात्मा का अंश देखता है तो फिर किसी से नफरत नहीं करता फिर कोई किसी को चोट नहीं पहुंचाता । किसी को जानबूझकर दुख नहीं देता। यही जीवन भक्ति वाला होता है। ब्रह्मज्ञान कोई ऐसी चीज नहीं जिसको बस केवल संभाल कर रखना है बल्कि इसको हर पल अपने जीवन में इस्तेमाल करना है। मसूरी जोन के जोनल इंचार्ज हरभजन सिंह जी एवं स्थानी संयोजनक नरेष बिरमानी जी आई हुई संगत का आभार प्रकट किया ।
इस समागम में अनेको गणमान्य एवं समाज सेविओं का भी आगमन हुआ । मुख्य रूप से उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पूश्कर सिंह धामी ने सभी का आभार प्रकट किया और निरंकारी मिषन में समाज को सम्रपित सेवाओं की भूरी.भूरी प्रषांसा की।इस समागम की रूपरेखा को सफल बनाने के लिए दिल्ली से पधारे उपमुख्य संचालक एस के जूनेजा क्षेत्रिय संचालक गब्बर सिंह चैहान सुरेष कन्नोजिया दिलबर सिंह पॅंवार एवं संचालक मंजीत सिंह के नेतृव में सेवादल के भाई बहनों ने लंगर प्याऊ पंडाल.ट्रेफिक की सेवाओं को सुन्दर रूप प्रदान किया।सद्गुरू के दर्षन कर निरंकारी भक्त हुये अभिभूति। इस समागम में उत्तराखण्ड के जिला हरिद्वार टिहरी पौढी गढवाल उत्तरकाषी देहरादून एवं उत्तर प्रदेष के बिजनौर सहारनपुर के आस पास से पहुचें।