प्रभावशाली लोगों द्वारा अपने सरोगेट विज्ञापन से युवा पीढ़ी को तंबाकू के सेवन लिए लुभाया जा रहा है

Spread the love


देहरादून21 अप्रैल 2022: तंबाकू के दुष्प्रभाव से बच्चों और युवाओं को बचाने के लिए नशामुक्त उत्तराखंड के लिए काम करने वाली एक राष्ट्रीय स्तर की एनजीओ बालाजी सेवा संसथान भारतीय फिल्म अभिनेताओं से तंबाकू उत्पादों के सरोगेट विज्ञापन का समर्थन बंद करने की अपील कर रही है।भारतीय फिल्म उद्योग दुनिया में सबसे बड़ी संख्या में हिंदी फिल्में, और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में 1500-2000 फिल्में रिलीज करता है, जिन्हें 2 अरब से लोग देखते हैं।
हम जानते हैं कि भारत के प्रधान मंत्री फिट इंडिया आंदोलन के माध्यम से भारत को स्वस्थ बनाने के लिए काम कर रहे हैं। परन्तु यह मिशन विफल होता नज़र आ रहे है क्यूंकि कुछ प्रभावशाली लोगों द्वारा अपने सरोगेट विज्ञापन से युवा पीढ़ी को तंबाकू के सेवन लिए लुभाया जा रहा है। 2003 और 2005 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा समर्थित रिपोर्टों ने बताया कि तम्बाकू इमेजरी (ज्यादातर सिगरेट पीते हुए) वाली फिल्मों का अंश 1991-2002 से 76% से बढ़कर 2004- 2005 में 89% हो गया, जिसमें तम्बाकू ब्रांड प्रदर्शित करने वाली फिल्मों का हिस्सा तीन गुना 16% से 46% हो गया। ।प्रिंट मीडिया के माध्यम से हम भारतीय फिल्म अभिनेताओं से अपील कर रहे हैं कि वे अपनी आत्मा और नैतिकता को पारदर्शी रखें और उन निर्दोष युवाओं के दिमाग की कीमत पर पैसा न बनाएं जो उनका अनुकरण करते हैं और प्रतिकूल रूप से प्रभावित होते हैं और तंबाकू की खपत के लिए पहल करते हैं। साथ ही अभिभावकों, बच्चों और युवाओं से अपील की जा रही है कि वे इनके प्रभाव में न आएं।