मेरठ : पीएम मोदी ने मेरठ पहुंचकर औघड़नाथ मंदिर और काली पल्टन मंदिर में पूजा-अर्चना कीइ।सके बाद मोदी ने 1857 की क्रांति के शहीदी स्मारक पहुंचे और यहां मौजूद म्यूजियम का भी दौरा किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मेरठ के सरधना में खेल विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी। मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के शिलान्यास के बाद मोदी ने कहा कि पहले मेरठ और आस-पास के इलाकों में अपराधी ‘अवैध कब्जे’ का टूर्नामेंट खेला करते थे।अपराधियों के डर से लोग पलायन करने के लिए मजबूर थे. शाम होने के बाद बहन-बेटियां घरों से बाहर नहीं निकल पाती थीं।अपराधी कहर बरपा रहे थे और पिछली सरकारें अपने टूर्नामेंट खेलने में व्यस्त रहती थीं।योगी सरकार के आने के बाद से ये सारे अपराधी अब ‘जेल-जेल’ खेल रहे हैं. आज प्रदेश से अपराधी पलायन करने लगे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि पहले कोई खुद को खिलाड़ी बताता था तो लोग पूछते थे कि खेल तो ठीक है काम क्या करते हो? ऐसा माना जाता था कि फ़ौज-पुलिस में जाने के लिए खिलाड़ी बना जाता है।लोगों में खेलों के प्रति सम्मान की कमी थी जिससे खिलाड़ियों को उपेक्षा का सामना करना पड़ा। मोदी ने कहा कि जिस हॉकी ने गुलामी के दौरान भी देश का झंडा ऊंचा रखा, उसी पर पहले की सरकारों ने ध्यान नहीं दिया ।दुनिया की हॉकी मैदान से टर्फ की तरफ बढ़ गयी और हम पीछे होते गए।सिर्फ हॉकी ही नहीं अन्य खेल भी भ्रष्टाचार और भाई-भतीजेवाद कि भेंट चढ़ गए थे।2014 के बाद खिलाड़ियों को चार शस्त्र दिए गए- संसाधन, इंटरनेश्नल ट्रेनिंग, विदेशों में पहचान और चयन में पारदर्शिता।
पीएम मोदी ने कहा कि पहले कहा जाता था कि बुजुर्गों के दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए लेकिन अब वो जमाना है कि युवा जिस रास्ते पर चल दें उसी पर दुनिया चलने लगती हैं। पीएम ने मेरठ में होने वाले कुश्ती के दंगलों का भी जिक्र किया और कहा कि इनाम में मिलने वाले घी के पीपों और लड्डुओं के लिए कौन न दंगल में उतर जाए ।पीएम मोदी ने कहा कि खेलो इंडिया के माध्यम से सरकार खिलाड़ियों को संसाधन दिए जा रहे हैं और देश के कोने-कोने से टैलेंट को सामने लाया जा रहा है।
इस विश्वविद्यालय का नाम हॉकी के जादूगर के नाम से मशहूर मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा गया है।यह विश्वविद्यालय करीब 92 एकड़ जमीन पर 700 करोड़ की लागत से बनेगा। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पीएम मोदी सड़क मार्ग से मेरठ पहुंचे ।खेल विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने से पहले प्रधानमंत्री ने मेरठ के काली पलटन मंदिर में पूजा-अर्चना की. उन्होंने मेरठ के शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धासुमन भी अर्पित किए।
पीएम मोदी ने रैली में कहा कि महाभारत-रामायण से लेकर जैन तीर्थकर और पंज प्यारों के जरिए मेरठ देश की आस्था में अहम स्थान रखता है। मेरठ ने सिन्धु घाटी सभ्यता के जरिये दिखाया है कि हमारे देश में कितना सामर्थ्य हैं।1857 में औघड़नाथ मंदिर से आजादी की जो आवाज़ उठी उसी का नतीजा है कि आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि यहां आने से पहले मैं अमर जवान ज्योति गया फिर म्यूजियम गया, वहां जाकर मुझे एहसास हुआ कि कैसे स्वतंत्रता की लड़ाई में इस शहर का अहम योगदान है।उन्होने आगे कहा कि राष्ट्र की रक्षा के लिए सीमा पर बलिदान हो या फिर खेलों के जरिए देश का सम्मान बढ़ाना हो, इस क्षेत्र में हमेशा देश का नाम ऊंचा किया। यहां से चौधरी चरण सिंह जैसे विजनरी नेता सामने आए।मेजर ध्यानचंद की कर्मस्थली भी मेरठ ही रहा है।हमने कुछ ही महीनों पहले देश के सबसे खेल पुरस्कार का नाम ‘दद्दा’ के नाम पर कर दिया था और आज देश की सबसे बड़ी स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी भी उन्हें ही समर्पित की जा रही है।
रैली में सीएम योगी ने कहा कि देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने के लिए मैं उनका आभारी हूं, उन्हीं के नाम पर प्रदेश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का नाम भी रखा जा रहा है। खेलो इंडिया के माध्यम से युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया गया है। इसका परिणाम हमें टोक्यो ओलिंपिक और पैरा ओलिंपिक में भी देखने को मिला है।पीएम मोदी ने जीतने वाले हर खिलाड़ी से व्यक्तिगत मुलाकात की और उन्हें मार्गदर्शन भी दिया ।सांसद स्तर पर भी खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसके जरिए स्थानीय खिलाड़ियों को आगे आने का मौका मिला है ।सीएम योगी ने आगे कहा कि ओलिंपिक, एशियाई गेम्स या फिर कॉमनवेल्थ गेम्स में जो भी खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करेगा उन्हें सरकारी सेवाओं में मौका दिया जाएगा सीएम ।ने कहा कि मेरठ में स्पोर्ट्स का सामान बनता है और दुनिया भर के खिलाड़ी यहां के बल्लों से खेलते हैं।
खेल विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने के बाद प्रधानमंत्री ने प्रदेश भर से आए खिलाड़ियों के साथ संवाद किया. प्रधानमंत्री से मिलने वालों में ओलंपियन और पैरा ओलंपियन खिलाड़ी शामिल थे ।इनमें नोएडा के जिलाधिकारी और पैरा ओलंपियन सुहास एलवाई भी शामिल थे ।पीएम मोदी ने मेरठ पहुंचकर औघड़नाथ मंदिर और काली पल्टन मंदिर में पूजा-अर्चना की और इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ 25 छात्रों के साथ विशेष संवाद किया।
इसके बाद पीएम मोदी ने शहीद स्मारक में 1857 के अमर शहीदों को नमन किया. पीएम मोदी ने राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय का निरीक्षण कर शहीद स्मारक परिसर में भ्रमण किया। शहीद स्मारक में शहीदों को नमन करने और राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय का निरीक्षण करने के बाद पीएम मोदी जनसभा स्थल के लिए रवाना हो गए ।पीएम मोदी की अगवानी के लिए मेरठ पुलिस लाइन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी पहुंची हैं पीएम। मोदी और सीएम योगी कुछ देर में रैली को संबोधित करने वाले हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को यहां 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नायक मंगल पांडे की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। पांडे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की 34वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री (बीएनआई) रेजिमेंट में सिपाही (इन्फैंट्रीमैन) थे। उन्होंने 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। मोदी ने शहीद स्मारक स्थित संग्रहालय का अवलोकन भी किया।उत्तर प्रदेश के मेरठ के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री यहां औघड़नाथ मंदिर में पूजा करने के बाद शहीद स्मारक पहुंचे और देश के लिए जान कुर्बान करने ।वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
मोदी ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मंदिर में पूजा-अर्चना की और इसकी परिक्रमा कीमेरठ छावनी स्थित यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। ब्रिटिश शासनकाल में भारतीय सैनिकों को काली पलटन कहा जाता था। इसी मंदिर के आस-पास भारतीय सैनिक रहते थे और इसके चलते इस मंदिर को काली पलटन मंदिर के नाम से पुकारा जाने लगा।
ऐसा कहा जाता है कि ब्रिटिश हुकूमत के दौरान भारतीय सैनिक औघड़नाथ मंदिर में पानी पीने के लिए आते थे, लेकिन मंदिर के पुजारियों ने भारतीय सैनिकों के मंदिर में मौजूद कुएं से पानी पीने का विरोध किया, क्योंकि वे जिन कारतूसों का इस्तेमाल करते थे, उनमें गाय की चर्बी मिली होती थी ।इसी के बाद यहीं से अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ भारतीय सैनिकों में विद्रोह की ज्वाला भड़की थी और 1857 की क्रांति की शुरुआत हुई थीप्र।धानमंत्री मौसम खराब होने की वजह से हवाई मार्ग के बजाय सड़क मार्ग से मेरठ पहुंचे।
पीएमओ की ओर से जारी बयान के मुताबिक यह खेल विश्वविद्यालय मेरठ के सरधना शहर के सलावा और कैली गांवों में 700 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया जाएगा ।पीएमओ ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी देश में खेलों की संस्कृति को बढ़ावा देने और खेल संसाधनों को विश्व स्तरीय बनाने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं ।मेरठ में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना का कदम उनके इसी दृष्टिकोण के तहत उठाया जा रहा है’।’ प्रधानमंत्री के दौरे से पहले मेरठ के सरधना को दीपों से सजाया गया है।
पीएम की सुरक्षा में 2 एडीजी, 2 आईजी, 8 एसएसपी/एसपी, 14 एएसपी, 30 सीओ, 50 इंस्पेक्टर, 200 दरोगा, 800 कॉन्स्टेबल, 100 महिला कॉन्स्टेबल और पैरा मिलट्री की तीन और पीएसी की भी तीन कंपनियां तैनात की गयी हैं। पीएम मोदी ने मेरठ के शहीद स्मारक में 1857 के अमर शहीदों को भी नमन किया।