नाबार्ड द्वारा स्टेट क्रेडिट सेमिनार का आयोजन

Spread the love

 देहरादून :नाबार्ड द्वारा प्रत्येक वर्ष स्टेट क्रेडिट सेमिनार का आयोजन किया जाता है। इस सेमिनार में नाबार्ड द्वारा तैयार स्टेट फोकस पेपर पर चर्चा होती है। स्टेट फोकस पेपर प्रत्येक जिले के लिए तैयार की गई संभाव्यता युक्त योजना (पीएलपी) में आँकी गई क्रेडिट क्षमता को समेकित कर बनाया जाता है। स्टेट फोकस पेपर राज्य में मौजूदा संसाधन,
उपलब्ध बुनियादी सुविधाएं, महत्वपूर्ण बुनियादी सुविधाओं में कमी, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अर्थव्यवस्था के वृहद स्तर के संकेतक, पहले से चल रही विकासात्मक गतिविधियाँ और मौजूदा नीतिगत ढाँचे पर प्रकाश डाला जाता है।

यह स्टेट फोकस पेपर, बैंकों और संबंधित विभागों दोनों द्वारा तैयार की जाने वाली ऋण योजना के लिए आधार बनाता है। स्टेट क्रेडिट सेमिनार में एक विशिष्ट कार्य योजना तैयार करने के लिए स्टेट फोकस पेपर पर चर्चा की जाती है और उससे उभरने वाले कार्य बिन्दुओं पर राज्य सरकार के समक्ष रखा जाता है ताकि सहयोग और आवश्यक बुनियादी सुविधाओं के सृजन के लिए बजट में पर्याप्त वित्तीय सहायता/ बजट का प्रावधान सुनिश्चित किया जाए और जमीनी स्तर पर ऋण योजनाओं को बनाए रखा जा सके। वर्ष 2023-24 के लिए स्टेट क्रेडिट सेमिनार का आयोजन 03 जनवरी, 2023 को होटल पैसिफिक में सुबह 10.00 बजे से किया जाएगा। माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी समारोह के मुख्य अतिथि व माननीय कृषि मंत्री श्री गणेश जोशी जी एवं सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत जी विशिष्ट अतिथि होंगे। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उत्तराखण्ड राज्य की 52% से अधिक आबादी की आजीविका का मुख्य स्रोत कृषि ही है। हालांकि, अत्यधिक खंडित, बिखरे और विषम भू-भाग के कारण, खेती की बढ़ती लागत, पहाड़ी इलाकों की बहुलता, अपर्याप्त बाजार बुनियादी ढाँचा, जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ते जोखिम, सार्वजनिक संसाधनों, आधुनिक तकनीकों और किफायती ऋण तक किसानों की सीमित पहुँच के कारण, कृषि धीरे-धीरे अधिकांश किसानों के लिए लाभप्रद नहीं रही है।

इसका एक सतत समाधान, कृषक उत्पादक संगठन में किसानों को संगठित करके कृषि उपज, मूल्य संवर्धन और सामूहिक विपणन में निहित है। इसके अलावा, छोटे/ सीमांत किसानों को उनकी उपज का इष्टतम मूल्य प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए स्थानीय स्तर की वस्तु-विशिष्ट कृषि मूल्य श्रृंखला बना कर किसानों को सामूहिक ताकत का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। स्टेट फोकस पेपर में क्षेत्रवार क्रेडिट संभाव्यताओं को शामिल करते हुए, राज्य में अतिरिक्त बुनियादी सुविधाओं और सहयोगी सेवाओं की आवश्यकता को उजागर किया गया है। स्टेट फोकस पेपर, राज्य की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की विकास नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह वर्ष 2023-24 हेतु राज्य क्रेडिट योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कार्यनीति और भावी बजट आबंटन से संबंधित निर्णय, पारस्परिक विचार-विमर्श से लेने में भी सहायक सिद्ध होगा।