गोर्खाली महिला हरितालिका तीज उत्सव समिति द्वारा — शहीद मेजर दुर्गा मल्ल पार्क , गढी़ कैंट में — नवरात्रि के पावन अवसर पर *डाँडिया गरबा नाईट* का रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन हुआ | इस अवसर पर सर्वप्रथम मुख्य अतिथि डा श्रीमती सोनिया आनंद रावत ( अध्यक्ष गूँज सामाजिक स़ंस्था ) ,विशिष्ट अतिथि युवा पार्षद श्री सुशांत बोहरा, गोर्खाली सुधार सभा के अध्यक्ष श्री पदम सिंह थापा , ने माँ दुर्गा के समक्ष दीप प्रज्वलित करते हुए विधिवत शुभारंभ किया | मुख्य अतिथि सोनिया आनंद ने सभी को नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि तीज समिति अपनी भाषा एवं संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु — भव्य तीज मेले का आयोजन करती है , जिसे राज्य मेले का दर्जा प्राप्त है | आज इस समिति ने डाँडिया गरबा कल्चर को दर्शाने हेतु जो पहल शुरूआत की है वह एक सराहनीय पहल है |आज इस अवसरपर तीज समिति की ओर से दो निर्धन कन्याओं के विवाह हेतु क्रमशः 90 हजार रूपये एवं 10 हजार रूपये की आर्थिक सहयोग राशि भी प्रदान की गयी | आज बालिका दिवस भी है इसलिए समिति की ओरसे खेल के क्षेत्र में प्रोत्साहन हेतु 10 युवा बालिका फुटबाल खिलाड़ियों को फुटबाल किट भी प्रदान की गयी | आज इस रंगारंग आयोजनमें लाईव सिंगर सोनाली राई और नीरज थापा ने अपने सुमधुर गीतों से डाडिया नाईट में समाँ बाँधा और लोग झूम कर नाचे |मुख्य अतिथि सोनिया आनंद जो स्वयं स्वर कोकिला उत्तराखण्ड है , उन्होने भी अपने गीतों का जलवा बिखेरा |कार्यक्रम में डा ०श्रीमती कंचन गुंसोला एवं श्रीमती शुभवंती उपाध्याय जज की भूमिका में रहे | डा्डिया नाईट में आये हुए कलाकारो नेभी अपनी प्रस्तुतियों से सभी को मंत्रमुग्ध किया |डांडिया गीतों की ताल मे थिरकते कदमों ने पूरे माहौल को अपने रंग में रंग डाला |इस अवसर पर कर्नल विमल राई शर्मा, कर्नल बी०एस०क्षेत्री आचार्य सुशांत राज, श्री राज कुमार जायसवाल ओ०पी०गुरूंग शालिनी गुरूंग कर्नल माया चौधरी , सपना मल्ल मोनिका थापा उपस्थित थे |
Related Posts
शशि थरूर की पुस्तक ‘अंबेडकरः ए लाइफ’ का विमोचन हुआ
Spread the loveदेहरादून। बाबासाहेब भीमराव रामजी अंबेडकर की जीवनी पर लिखी, लेखक शशि थरूर की पुस्तक ‘अंबेडकरः ए लाइफ’ का विमोचन हुआ। ‘प्रभा खेतान फाउंडेशन’ और श्रीसीमेंट के संयुक्त तत्वाधान में आईटीसी सोनार में आयोजित एक ‘किताब’ इवेंट में किताबों के शौकीन युवा और वयस्कों के अलावा ‘अहसास महिला’ और ‘फिक्की एफएलओ’ के सदस्यों ने भाग लिया।इस मौके पर शशि थरूर ने कहा, डॉ. अंबेडकर की महानता को उनकी किसी एक उपलब्धियों से गिना नहीं जा सकता, क्योंकि सभी अलग-अलग रूप से असाधारण थे। थरूर ने इस दौरान अपने बहुआयामी व्यक्तित्व और जीवन के टर्निंग पॉइंट्स जैसे, ऐतिहासिक निर्णयों, सामाजिक बहिष्कार और कलंक, राजनीतिक झुकाव, अंतहीन संघर्षों और निश्चित रूप से उनके मजबूत व्यक्तित्व में गहरी अंतर्दृष्टि और उपाख्यानात्मक संदर्भों को साझा करते हुए अंबेडकर के शानदार जीवन का एक मनोरम दृश्य प्रस्तुत किया। ‘अहसास महिला’ के ‘लखनऊ चौप्टर’ की ओर से माधुरी हलवासिया ने लेखक और संवादी श्री थरूर को दर्शकों से परिचित कराया, वहीं सुहेल सेठ ने थरूर की किताब क्यों हमे पढ़नी चाहिए, इसके महत्व को बताते हुए चर्चा को आगे बढ़ाया। यह निस्संदेह अंबेडकर पर बेहतरीन किताबों में से एक है।सुहेल सेठ ने कहा, यह पुस्तक उस व्यक्ति को संदर्भित करता है, जिसे हमने भारतीय संविधान बनाने का श्रेय दिया है। दूसरा, यह पुस्तक उनके रूपरेखा की व्याख्या करता है। यह उस विशाल बौद्धिक संघर्ष को संदर्भित करता है, जहां डॉ. अंबेडकर को अपने समकालीन लोगों के साथ उलझना पड़ा था। शशि थरूर ने बताया कि आप इस बात को महसूस करते हैं कि बाबा साहब अंबेडकर के अलावा शायद कोई दूसरा भारतीय नहीं है, जिसकी देश भर में इनसे ज्यादा मूर्तियां हों। भारत में ऐसा कोई गांव नहीं है जहां अंबेडकर की मूर्ति या प्रतिमा न हो। इन परिस्थितियों में वे संभवत सर्वाधिक पूजनीय भारतीय हैं। वह ऐसे व्यक्ति भी हैं जिनका कद उनकी मृत्यु के बाद बढ़ा है।पीकेएफ की कार्यकारी ट्रस्टी अनिंदिता चटर्जी ने कहा, एक फाउंडेशन के तौर पर हम लगातार साहित्य, संस्कृति और सामाजिक कार्यों को बढ़ावा दे रहे हैं। ‘किताब’ प्रभा खेतान फाउंडेशन का एक सिग्नेचर इवेंट है, जिसकी कल्पना संदीप भूतोरिया ने की है। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां, लेखकों, कवियों, बुद्धिजीवियों और विचारकों को अपनी किताबें लॉन्च करने और अपने विचार साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।