नन्ही दुनिया पिछले 75 वर्षों से बाल युवाओं महिलाओं की सेवा में समर्पित है

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देहरादून।नन्ही दुनिया बच्चों एवं उनके हितेषियो के अंतरराष्ट्रीय आंदोलन ने  में अपने 75 वे  वर्षगांठ  की शुरूवात की।रंगशाला के कलाकारों ने संस्कृत के मंत्र उच्चारण कर समा बांध दिया।तत्पश्चात ३०० श्रोताओं की उपस्थिति में सुंदर सभा के साथ कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया।कवि सम्मेलन में देश के नामी प्रतिभागियों ने सहर्ष भाग लिया!कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत जी ने पारंपरिक ढंग से दीप प्रज्वलित कर किया।

नन्ही दुनिया पिछले 75 वर्षों से बाल युवाओं महिलाओं की सेवा में समर्पित है इसकी स्थापना आजादी से पूर्व 1946 में प्रोफेसर लेखराज उल्फत 1920- 1991 में की सौभाग्य की बात है कि 1953 में श्रीमती साधना उल्फत 1925 -2001 उनके साथ जुड़ गई उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर बाल सेवा के इस आंदोलन को निरंतर निष्ठा के साथ आगे बढ़ाने में सफल होते चले गए ।आज यह आंदोलन  अनेकों शाखाओं वाला घना वृक्ष  बन गया है।
 आज 16 तारीख को सुबह नन्ही दुनिया समुदाय के सदस्य , बच्चे रिस्पना जो कभी हुआ करती थी नदी नाले के उस पार चलें नन्ही दुनिया के बच्चे वा सदस्य गीत गाते व कहानियां सांझा करते अन्योन्याश्रित और परस्पर भविष्य के सपने देखते हैं।

बच्चों ने उगते हुए सूरज की लाली मां का अभिनंदन गायत्री मंत्रों के उच्चारण से किया बच्चों को पर्यावरण से संबंधित सभी सकारात्मक एवं नकारात्मक तत्वों की जानकारी दी वनों की रक्षा स्वच्छ पर्यावरण हमारा मूल उद्देश्य होना चाहिए तत्पश्चात सभी बच्चों द्वारा बिना किसी आडंबर के साथ हवन किया गया और सर्व धर्म प्रार्थना वा आशावादी गीत गाए गए। शाम को Red and Blue नाटक का मंचन किया जिसका निर्देशन Dr.S.Rawat वा अभिनव गोयल ने किया।

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