धाद की पहल का उद्देश्य शिक्षा में रचनात्मक प्रवृत्तियों को एक मच बनाना है

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देहरादून: उत्तराखंड का लोकपर्व दुनिया के सभी बच्चों को प्रकृति और रचनत्मकता से जोड़ने का प्रतीक पर्व बने और वसंत के आगमन का स्वागत करते हमारे बच्चे दुनिया को धरती के प्रति संवेदनशील होने का संदेश दें जागर विषसेषज्ञ पद्मश्री प्रीतम भरतवाण ने यह बात धाद के फूलदेई माह के शुभारंभ पर कही। इस अवसर पर विद्यालय के बच्चो के सृजन प्रतिभाग के साथ प्रदेश के 500 स्कूलों और 10हजार छात्रों का सृजन पर्व शुभारम्भ हुआ।
आयोजन में श्रेष्ठ 5 प्रस्तुतियों को पुरुस्कार प्रदान किये गए।पुरुस्कार साहित्यकार मुकेश नौटियाल ने अपनी पुस्तक चमकता रहेगा स्वीली घाम भेंट की। आयोजन का विचार रखते हुए धाद के सचिव तन्मय ने बताया कि फूलदेई को उत्तराखण्ड की संस्कृति के साथ बाल सृजन के पर्व के रूप मे विकसित करने की धाद की पहल का उद्देश्य शिक्षा में रचनात्मक प्रवृत्तियों को एक मच बनाना है। हर वर्ष का यह आयोजन एक माह तक बच्चों को लेखन कला के माध्यम से फूलदेई से जुड़ने का अवसर देता है। इस वर्ष का आयोजन पूरी तरह समाज के द्वार आयोजित किया जा रहा है जिसमे लोग अपने गाँव शहर के स्कूल में बच्चों को फूलदेई शीट दे रहे है जिसमे वे अपने मन के रंग और लेखन कर सकते है। कोना कक्षा का के संयोजक गणेश चंद्र उनियाल ने कहा कि प्रदेश के 500 स्कूलों में आम समाज के सहयोग से किताबों के कोने बनाने के कार्यक्रम का वार्षिकोत्सव फूलदेई में किया जाता है। हम कोशश करते है कि वर्ष भर इन कोनो के माध्यम से बच्चों तक अच्छी पुस्तके पहुंचे जो उनकी रचनात्मक प्रवृत्तियों के विकास में सहयोग कर सके।

फूलदेई उनके लिए उसे अभिव्यक्त करने का अवसर हो।इस अवसर पर अभियान के अंतर्गत जी जी आई सी इंटर कॉलेज को अम्बिका कृष्णन की तरफ से किताबो का कोना भेंट किया गया।आयोजन की अध्यक्षता करते हुए धाद के संस्थापक लोकेश नवानि ने बताया कि जो सुन्दरतम है वह बच रहेगा। वही भविष्य की सांस्कृतिक विरासत के रूप में समाज में मान्य होगा। वह वैश्विक समाज में भी जगह बनाएगा। जो सांस्कृतिक विद्रूप होगा, वह खुद ही मिट जाएगा। इसलिए सुन्दरतम को बचाना हम सबका कर्तव्य है।श्रेस्ठ सृजन के लिए छात्र छात्राओं को संस्था की तरफ से पुरुस्कृत किया गया।आयोजन का संचालन ज्योति जोशी ने किया।इस अवसर पर विजय जुयाल, हर्षमणि व्यास. डा जयंत नवानी प्रधानाचार्या श्रीमती प्रेमलता बौड़ाई, विनीता उनियाल, नीना रावत, सोनिया मलिक, कल्पना बहुगुणा, मंजू काला, शांति बिंजोला, सविता जोशी, राजीव पांथरी, मीना जोशी, ज्योति जोशी, नीलम बिष्ट, सुरेश स्नेही, कांता घिल्डियाल, सुनीता चौहान, मनीषा ममगाईं मीनाक्षी जुयाल उपस्थित थे।