देहरादून । आगामी 2022 में चीन में होने वाले सर्दी ओलिम्पिक को रद्द करने के लिए क्षेत्रीय तिब्बती युवा संगठन दिल्ली सम्पूर्ण भारतवर्ष में बाइक यात्रा विगत 10 दिसम्बर 2021 से शुरू की है। यह जानकारी पत्रकार वार्ता के दौरान संगठन के अध्यक्ष आर डिलिंक् ग टिस्रिंग टाॅपग्याल ने दी। पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने बताया कि इस साल 10 दिसम्बर के दिप परम पावन दलाई लामा को नोबल शान्ति पुरस्कार से सम्मानित करके 32 साल की वर्षगांठ के साथ अंतराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस भी मनाया जा रहा है।
इस उत्सव के अवसर पर तिब्बती युवा संगठन के अंग क्षेत्रीय तिब्बती युवा संगठन दिल्ली द्वारा अन्य क्षेत्र सदस्यों की भागेदारी के साथ दक्षिण भारत बैंगलुरू से आरम्भ होकर समस्त भारत बाइक यात्रा का आयोजन किया जा रहा है इस यात्रा को आयोजित करने का मुख्य कारण चीन में होने वाली ओलिम्पिक खेल आयोजन करने की योग्यहीनता को दर्शाते हुये आन्दोलन करना है। तिब्बत पर कब्जा करने के बाद भी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा तिब्बत की संस्कृति और परम्पराओं को नष्ट करने की पूरी कोशिश की है। तिब्बती बौद्ध मन्दिरों और विभिन्न तीर्थस्थलों को भी नष्ट किया है। इतना ही नही बलकि तिब्बत का वातावरण भी प्रदूशित और खनित पदार्थोें को अधिक मात्रा में निकाला जा रहा जो कि जलवायु परिवर्तन पर प्रभाव देखने को मिला है। इन अत्याचारों को सहना असमर्थ हो कर अब तक 167 तिब्बतियों ने तिब्बत और जनता कल्याण हेतु स्वयं कि शरीर दीप जलन करके न्याय की मांग की है। तिब्बत की मानव अधिकार स्थिति को बयान किया जाए तो दिन पर दिन बिगड़ती जा रही है।
चीनी राष्ट्रीयपति शी जीनपिंग के नेतृत्व में केवल तिब्बत की नही बलकी अन्य देशों को भी अपने कब्जे में लेने का प्रयास चीन द्वारा जारी है खास कर के तिब्बत और चीन स्थित मानव अधिकार कार्यकर्ताओं पर कड़ी दबाव दे रही है। उईघुर मूसलमानों और पूर्वी तुर्की के 1.8 से 3 करोड़ लोगों को शिक्षा के नाम लेकर एकाग्रता शिविर में शारीरिक और मानसिक रूप से कष्ट दिया जा रहा है इस दर्दनाक रहस्य को ओलिमपिक संगठन को पेश करने के बावजूद भी कुछ भी तरह के प्रभाव देखने को नही मिला है। इन्ही कारण को दर्शाते हुए इस साल चीन में होने वाले ओलमपिक खेल को रद्द करने करने की मांग और कड़ी आन्दोलन करते है।
इस बाइक यात्रा को आयोजित करने का मुख्य उदेश्य सर्दी ओलिमपिक को रद्द किया जाना चाहिए, पान्चेन लामा और अन्य तिब्बती राजनीतिक केदीयों को जल्द रिहा करवाना चाहिए, 167 स्वतन्त्र तिब्बत कार्यकर्ताओं जिसने अपनी जान की कुरबानी दी है उन की मांग की सुनवाई और प्रचार कर दी जांए, भारत सरकार और पूरी जनता को धन्यवाद व्यक्त करना और तिब्बत एक स्वतंत्र राष्ट्र था, तिब्बत एक स्वतंत्र राष्ट्र है और तिब्बत एक स्वतंत्र राष्ट्र रहेगा।