ऋषिकेश: 09.02.2022:- टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड(टीएचडीसीआईएल) ने राजस्थान में 10,000 मे.वा. के नवीकरणीय ऊर्जा पार्क/परियोजनाएं स्थापित करने के लिए 40,000.00 करोड़ रु. के अनुमानित निवेश हेतु लेटर ऑफ इनटेंट(एलओआई) पर माननीय मुख्यमंत्री, राजस्थान एवं माननीय उद्योग, राजस्व एवं ऊर्जा मंत्री, राजस्थान सरकार की गरिमामयी उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। टीएचडीसीआईएल की ओर से श्री जे.बेहेरा, निदेशक(वित्त) ने एलओआई पर हस्ताक्षर किए जिसकी स्वीकारोक्ति अपर मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार एवं डा. सुबोध अग्रवाल, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, आरआरईसीएल के द्वारा जयपुर में की गई ।
राजस्थान सरकार के द्वारा आरआरईसीएल के माध्यम से भू बैंक का आबंटन किया जाएगा । नवीकरणीय ऊर्जा पार्को का कार्यान्वयन एसपीवी के माध्यम से आरआरईसीएल के साथ जेवी कंपनी के रूप में 74:26 के अनुपात में किया जाएगा ।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, द्वारा ऊर्जा क्षेत्र में उपुर्यक्त निवेश की अभिरूचि के फलस्वरूप, यह उम्मीद है कि इन परियोजनाओं का निर्माण कार्य पीक पर होने के दौरान प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 10,000 रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे, जो कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगें। परियोजनाओं की कमीशनिंग चरणवद्ध तरीके से तीसरे एवं पांचवे वर्ष के मध्य की जाएगी । टीएचडीसीआईएल एवं आरआरईसीएल के ये मेगा उपक्रम परियोजना क्षेत्रों के सामाजिक –आर्थिक विकास को गति प्रदान करेंगे एवं क्षेत्र में सस्ती सौर विद्युत भी उपलब्ध करवाएंगे । यह कॉप 26 में भारत सरकार द्वारा 2030 तक 500 गीगावाट के अतिरिक्त नवीकरणीय ऊर्जा अभिवृद्धि के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी योगदान करेगा ।
श्री जे.बेहेरा, निदेशक(वित्त) ने प्रसन्नता जाहिर की एवं लेटर ऑफ इंटेंट(एलओआई) की औपचरिकताओं को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए टीएचडीसीआईएल एवं राजस्थान सरकार के अधिकारियों को बधाई दी। साथ ही श्री बेहेरा ने कहा कि यह राजस्थान सरकार के साथ हमारे आपसी संबंधों की शुरूआत है, क्योंकि टीएचडीसीआईएल देश के विभिन्न भागों में अपने व्यावसायिक प्रचालन का विस्तार कर रही है।
इस अवसर पर श्री राजीव विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसीआईएल ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए राजस्थान सरकार के ऊर्जा विभाग को टीएचडीसीआईएल के इस निवेश प्रस्ताव में तेजी लाने में उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
आज, टीएचडीसीआईएल 1587मे.वा. की संस्थापित क्षमता के साथ देश में एक प्रमुख विद्युत उत्पादक है जिࠁसका श्रेय उत्तराखण्ड में टिहरी बांध एवं एचपीपी(1000 मे.वा.), कोटेश्वर एचईपी(400 मे.वा.), गुजरात के पाटन में 50 मे.वा. एवं द्वारका में 63 मे.वा. की पवन विद्युत परियोजना, उत्तर प्रदेश के झांसी में 24 मे.वा. की ढुकुवां लघु जल विद्युत परियोजना एवं केरल के कारसगाड में 50 मे.वा. की सौर विद्युत परियोजना की सफलतापूर्वक कमीशनिग को जाता है। नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख इकाई होने के कारण, टीएचडीसीआईएल उत्तर प्रदेश में यूपीनेडा के साथ मिलकर 2000 मे.वा. के अल्ट्रा मेगा सौर पार्को का कार्यान्वयन भी कर रही हैं।