तमिलनाडु में एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हेलीकॉप्टर दुर्घटना में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सशस्त्र बलों के जवानों के आकस्मिक निधन से गहरा दुख हुआ।जनरल विपिन रावतजी देश के पहले Chief of Defence Staff थे | वे एक निष्ठावान और देश के लिए सदैव समर्पित रहने वाले सैन्य अधिकारी थे |उनका असामयिक निधन हमारे सशस्त्र बलों एवं सम्पूर्ण राष्ट्र के लिए एक अपूर्णीय क्षति है। जनरल रावत ने असाधारण साहस और लगन से देश की सेवा की थी। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि परिवारों को इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। आज गोर्खाली सुधार सभा में सभा के अध्यक्ष श्री पदम सिंह थापाजी, समस्त कार्यकारिणी ,शाखा अध्यक्ष. एवं सदस्यगणों ने जनरल विपिन रावतजी , उनकी पत्नी एवं सशस्त्र बलों के 11 जवानों को अपनी भावभीनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की| परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं कि पवित्र आत्माओं को श्रीचरणों में यथोचित स्थान दें |शत् शत् नमन
Related Posts
एनआईआरएफ रैंकिंग 2021 में भारत में 5वें सर्वश्रेष्ठ समग्र विश्वविद्यालय
Spread the loveदेहरादून-22 जनवरी, 2022 : एनआईआरएफ रैंकिंग 2021 में भारत में 5वें सर्वश्रेष्ठ समग्र विश्वविद्यालय, अमृता विश्व विद्यापीठम ने हिंदू धर्म पर एक ऑनलाइन सर्टिफिकेट प्रोग्राम शुरू किया है। इसका शीर्षक है “हिंदू धर्म का परिचय“।विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल सेंटर फॉर स्पिरिचुअल स्टडीज द्वारा शुरू किया गया यह कोर्स 200 घंटे को होगा जिसे छह महीनों में पूरा किया जाएगा। इसका शुल्क दस हजार रूपए है और 16 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति इस प्रोग्राम में एडमिशन ले सकता है। इस कोर्स का पहला बैच अप्रैल 2022 से शुरू हो रहा है। इस कोर्स के तहत 30 से अधिक प्रमुख विद्वानों के व्याख्यान शामिल होंगे जो छात्रों को हिंदू धर्म के ग्रंथों, परंपराओं, दार्शनिक स्कूलों और विश्वदृष्टि में गहन ज्ञान प्रदान करेंगे इसमें अमृता विश्व विद्यापीठम की विशेषज्ञ फैकल्टी, वरिष्ठ शिक्षाविद जो विश्वविद्यालय के साथ सहयोग करते हैं, भारत भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों के साथसाथ माता अमृतानंदमयी मठ के पारंपरिक ब्रह्मचारी और संन्यासी विद्वान शामिल हैं।छात्रों को लाइव इंटरएक्टिव सत्र और समूह चर्चा के माध्यम से विद्वानों के साथ बातचीत करने का अवसर मिलेगा इस कोर्स को पांच भागों में विभाजित किया गया है, जिसमें हिंदू धर्म के परिचय, बुनियादी बातें, साहित्य, दर्शन और व्यावहारिक पहलू शामिल हैंअमृता दर्शनम के डीन, ब्रह्मचारी अच्युतामृत चैतन्य ने कहा कि हालांकि 6 महीने के कोर्स में हिंदू धर्म की गहराई का पता लगाना संभव नहीं है, लेकिन इस कोर्स में कवर किए गए विषय इसके लगभग सभी पहलुओं को उजागर करते हैं। उन्होंने कहा, “प्रोग्राम का उद्देश्य युवाओं को हिंदू धर्म की गहन विश्वदृष्टि के प्रति जागृत करना है। हमने इस तरह से विषयों का चयन किया है और उन्हें इस तरह से संक्षिप्त किया है कि उन्हें सीमित समय में छात्रों को पढ़ाया जा सके, और उन्हें अपने दम पर आगे के विषयों का पता लगाने के लिए कहा जाएगा।” अमृता दर्शनम के सहायक प्रो. शिवानंदन डीएस ने कहा, “यह कोर्स सनातन धर्म का एक विहंगम दृश्य प्रस्तुत करेगा, जो दुनिया की प्रमुख दार्शनिक प्रणालियों में से एक है। छात्रों को हिंदू धर्म के विभिन्न ग्रंथों, परंपराओं और दार्शनिक स्कूलों के बारे में जानकारी मिलेगीवे इस प्राचीन आध्यात्मिक और दार्शनिक ज्ञान को अपने व्यक्तिगत और सामाजिक क्षेत्रों में समझने और अपनाने में सक्षम होंगे।“अमृता विश्व विद्यापीठम के अमृतापुरी कैंपस के इंजीनियरिंग संकाय के डीन प्रो. बालकृष्णन शंकर ने कहा, “अमृता विश्वविद्यालय एकता, प्रेम और करुणा के अंतर्निहित दर्शन पर आधारित है। इसलिए, हमने भारत के गौरवशाली अतीत और भारतीय समाज के सार को उजागर करने के लिए अमृता दर्शनम नामक इस स्कूल का निर्माण किया। हमें भारतीय दर्शन के आदर्शों को आधुनिक समाज की भाषा में समझाना चाहिए और इसे लोगों के लिए प्रासंगिक बनाना चाहिए। यह एक बड़ी चुनौती और अवसर है, जिस पर अमृता दर्शनम काम कर रही हैं।“ अमृता दर्शनम के डीन ब्रह्मचारी अच्युतामृत चैतन्य ने आगे कहा, “आध्यात्मिकता पर ध्यान देना अमृता विश्व विद्यापीठम की कुलाधिपति और प्रसिद्ध मानवतावादी और आध्यात्मिक नेता, श्री माता अमृतानंदमयी (अम्मा) के विजन का हिस्सा है। अम्मा कहती हैं कि मूल्य, संस्कृति, सदाचार, नैतिकता और आध्यात्मिकता सभी मनुष्यों के लिए आवश्यक हैं। हमारे शास्त्रों के कुछ प्रसिद्ध उद्धरण हैं, जो कहते हैं कि शिक्षा का वास्तविक लक्ष्य शब्द के हर अर्थ में स्वतंत्रता है। जीवन जीने की शिक्षा सभी शिक्षण संस्थानों द्वारा प्रदान की जाती है, लेकिन जीवन के लिए शिक्षा अमृता दर्शनम द्वारा प्रदान की जाती है। ” अमृता दर्शनम “महाभारत उपनयनम“ में 6 सप्ताह का ऑनलाइन सर्टिफिकेट प्रोग्राम और “हिंदू धर्म के सार“ में 4 सप्ताह का प्रोग्राम भी प्रदान कर रहा है महाभारत के कोर्स के लिए अब तक लगभग 170 छात्रों ने और “हिंदू धर्म के सार“ के लिए 120 छात्रों ने नामांकन किया है। इनमें से कम से कम 30-40 छात्र विदेशी हैं। अमृता दर्शनम 1213 फरवरी,2022 को “धर्म दर्शनम“ नामक महाभारत पर दो दिवसीय उन्नत सार्वजनिक कार्यशाला का भी आयोजन करेगीएक महत्वपूर्ण पठन अभ्यास के रूप में डिज़ाइन किया गया, यह कार्यशाला लोकप्रिय समीक्षाओं, विचारों और लेखों के साथसाथ व्यास के महाभारत के चुनिंदा भागों की गहन शैक्षणिक चर्चाओं का एक पैकेज होगायह कार्यशाला व्यास के महाभारत पर चर्चा करने, चिंतन करने और समझने का अवसर प्रदान करेगीइंटरनेशनल सेंटर फॉर स्पिरिचुअल स्टडीज भारतीय दर्शन, कला, साहित्य, संस्कृति, परंपरा और समाज पर ध्यान देने के साथदृ साथ स्पिरिचुअल स्टडीज के अध्ययन और शोध के लिए उत्कृष्टता केंद्र हैकेंद्र भारतीय संस्कृति जैसे विषयों पर सभी विषयों के स्नातक छात्रों के लिए शिक्षा के काम्प्लमेन्टरी कोर्सेज प्रदान करता हैइसमें पोस्ट ग्रैजुएट प्रोग्राम, दर्शनशास्त्र में एमए और दर्शनशास्त्र, आध्यात्मिकता और इन्टर्डिसप्लनेरी स्टडीज में में पीएच.डी. प्रोग्राम शामिल है। अमृता दर्शनम के कोर्सेज जीवन का साहस के साथ सामना करना सीखने पर मूल्यवान सबक प्रदान करते हैंपाठ्यक्रम प्रशिक्षक भिक्षुओं और प्रोफेसरों का मिलादृजुला रूप है, और शिक्षकों के साथ छात्रों की बहुत सारी लाइव बातचीत होती हैउदाहरण के लिए,ऑन प्रतिंजा’ शीर्षक वाले कोर्स का एक सैम्पल मॉड्यूल, श्रीकृष्ण की प्रतिंजा और अर्जुन की प्रतिंजा के साथ तुलना करते हुए, भीष्म की प्रतिंजा का संदर्भ प्रस्तुत करता है, कि हम प्रतिंजा पर धर्म की सर्वोच्चता पर रोजमर्रा के जीवन में प्रतिंजा को कैसे लेते हैं। हिंदू धर्म पर अस्पष्टता को दूर करने के लिए ऐसे कई और केस स्टडी हैं। भविष्य में, सेंटर रामायण सोपानम, योग सेतु और वैदिक शास्त्रों का परिचय पर कोर्सेज प्रदान करेगा।