देहरादून(संवाददाता)। मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष मोक्षदा एकादशी (गीता जयंती) के अवसर परप्रात: 7.3० बजे मंदिर के पुजारी चन्द्र प्रकाश ममगांई द्वारा मां कालिका मंदिर यज्ञशाला में गायत्री यज्ञ के साथ श्रीविष्णु सहस्त्रनाम संपूर्ण आहुतियां दी गई । इस अवसर पर प्रात: 1० बजे मंदिर प्रांगण में श्रीमद् भागवत गीता का संपूर्ण पारायण पाठ पधारे हुए संतो, ब्राह्मणों,अपार भक्त समाज द्वारा किया गया मंदिर समिति द्वारा सभी संतो, ब्राह्मणों, भक्तजनों को पीले रंग की गरम टोपी व भागवत गीता वितरित की गई व्यासपीठ पर विराजमान संतों द्वारा प्रवचन किए गए और जिसमें कहा कि गीता मोक्ष का द्वार है हमें अपने कर्म करते रहने चाहिए फल की इच्छा नहीं करनी चाहिए।
इस अवसर पर कहा गया कि भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में अपने आप को स्वयं प्रस्तुत किया कि में ही साकार रूप हूं संपूर्ण ब्रह्म मैं ही हूं मेरे नाम सिमरन से ही भक्तों का कलयुग में कल्याण होगा। भगवत नाम के कीर्तन है पूरा लाभ उठाने के लिए मनुष्य को निरपराध होकर कीर्तन करना पड़ता है जब मैं आता हूं मैं भौतिक शरीर स्वीकार नहीं करता हूं मेरे जन्म तथा कर्म पूर्णयता आध्यात्मिक हैं जो इसे ठीक से समझ लेता है मुक्त हो जाता है और बैकुंठधाम आ जाता है।
इस अवसर पर प्रवचन में कहा गया कि सर्दी गर्मी और सुख द:ुख में तथा मान और अपमान में जिसका अंत करने विद्या भली-भांति शांत है ऐसे स्वाधीन आत्मा वाले पुरुष के ज्ञान में सच्चिदानंद परमात्मा सम्यक प्रकार से स्थित है पदार्थ विज्ञान में परमात्मा के सिवा अन्य कुछ है ही नहीं. जिसका अंत करण ज्ञान विज्ञान से तृप्त है जिसकी सीधी विकार रहित है जिसकी इंद्रियां भली-भांति जीती हुई है जिसके लिए मिट्टी पत्थर और श्रवण समान है वह योगी युक्त भगवत प्राप्त है ऐसा कहा जाता है।
इस अवसर पर प्रवचन में कहा गया कि संपूर्ण योगियों में जो भी श्रद्धा वान योगी मुझ में लगे हुए अंतरात्मा से मुझको निरंतर बजता है वह योगी उन्हें परम श्रेष्ठ मान्य है। इस अवसर पर तत्पश्चात भागवत गीता की आरती हुई तथा दोपहर 1.3० बजे मंदिर समिति द्वारा ब्रह्मभोज का आयोजन किया गया जिसमें संतों ब्राह्मणों, भिक्षको, अपार भक्त समाज में भोजन ग्रहण किया कराया और दक्षिणा भी दी गई। इस अवसर पर संपूर्ण कार्यक्रम ब्रह्मलीन महाराज श्रीजी को ध्यान में रखते हुए किया गया।
इस अवसर पर ट्रस्टी गगन सेठी, रमेश साहनी, दयाल धवन, प्रधान नरेश मैनी, अशोक लांभा,राम स्वरूप भाटिया , प्रतीक मैनी, दीपक बिष्ट, संजय आनंद, अशोक गोस्वामी, जय किशन कक्कड़, सतीश शर्मा, शशी तलवार, नीरज जिंदल, राम भाटिया, विजय अरोड़ा, सतीश मेहता, महेश ग्रोवर, उमेश मिनोचा, शैंकी डोरा, हरीश कक्कड, जगमोहन अरोडा, महेश डोरा, हरीश भाटिया व अपार भक्त समाज उपस्थित था।