पंतनगर, 25 फरवरी। प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी शनिवार को पंतनगर पहुंचे। जहां मंत्री गणेश जोशी ने चार दिवसीय गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, पंतनगर के 113वें अखिल भारतीय किसान मेले एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग कर किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मंत्री गणेश जोशी ने मेले में लगी विभिन्न अखिल भारतीय कृषि औद्योगिक प्रदर्शनियों का भी अवलोकन किया। साथ ही मंत्री गणेश जोशी ने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा लिखित कृषकों हेतु उपयोगी साहित्य पुस्तकों का भी विमोचन किया।
इस अवसर पर मंत्री गणेश जोशी ने गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, पंतनगर के 113वें अखिल भारतीय किसान मेले एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी में प्रतिभाग करने में प्रसन्नता व्यक्त की। मंत्री गणेश जोशी ने कहा देश का सबसे बड़ा कृषि विश्वविद्यालय होने के नाते इसे देश व प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए अग्रणी भूमिका निभानी है।मंत्री ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय केन्द्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने की संकल्पना को साकार करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। विश्वविद्यालय उच्चकोटि की शिक्षा के साथ अनुसंधान व प्रसार गतिविधियों द्वारा कृषि के चहुंमुखी विकास हेतु कटिबद्ध हैं। राज्य के सभी जनपदों में स्थापित कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से पहाड़ी एवं मैदानी क्षेत्रों के किसानों की आजीविका सुधार व आय वृद्धि के लिए वहाँ की जलवायु के अनुकूल कृषि से सम्बन्धित नवीनतम तकनीक के प्रचार-प्रसार एवं अन्तिम पायदान तक बैठे कृषक के आजीविका संवर्धन हेतु निरन्तर प्रयासरत हैं।
उन्होंने कहा पन्तनगर विश्वविद्यालय का बीज अपनी गुणवत्ता के कारण ही पूरे देश में लोकप्रिय हैं। विश्वविद्यालय के सब्जी अनुसंधान केन्द्र, उद्यान अनुसंधान केन्द्र, जनक बीज उत्पादन केन्द्र, फसल अनुसंधान केन्द्र, पुष्प अनुसंधान केन्द्र, औषधीय एवं सगंध पौध उत्पादन केन्द्र अपने-अपने क्षेत्र में वांछित शोध कर किसानों की आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहे हैं। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड के विशिष्ट उत्पादों पर अनुसंधान कर यदि उनके विभिन्न प्रकार के बिक्री योग्य पदार्थों जैसे बिस्कुट, पैक्ड फूड, बेवीफूड, जैम, जैली, अचार फल आधारित पेय आदि बनाये जायें तो प्रदेश एवं किसान दोनो को लाभ होगा। इस प्रकार के कुटीर उद्योगों को स्थापित करने हेतु प्रदेश के किसानों को अधिक से अधिक दक्षता कौशल आधारित प्रशिक्षण दिये जायें।
मंत्री गणेश जोशी ने कहा प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाना एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। उत्तराखण्ड की अनेक विशिष्ट फसलें मंडुवा, मादिरा, गहत, भट्ट, चौलाई, उगल इत्यादि स्वत ही पारम्परिक रूप से जैविक विधि से उगाई जाती है। उन्होंने कहा कि इन फसलों की उन्नत उत्पादन तकनीक विकसित किये जायें, जिससे किसान इनसे अधिकतम उपज ले सकें। मंत्री ने कहा इन फसलों के विपणन की सुदृढ व्यवस्था की भी अत्यन्त आवश्यकता है, जिससे किसानों की आय को आसानी से बढ़ाया जा सकता है। आज पूरे देश में प्राकृतिक खेती की चर्चा हो रही है। उन्होंने विश्वविद्यालय को भी प्राकृतिक खेती की विधा का व्यापक प्रचार-प्रसार करने की बात कही, जिससे ज्यादा से ज्यादा कृषक इसे अपनाकर उच्चकोटि के उत्पाद पैदा कर सकें। मंत्री जोशी ने कहा सरकार एक विजन के साथ कार्य कर रही है और हमारा संकल्प है कि वर्ष 2025 तक हम अपने उत्पादों और किसानो को आय दोगुनी करेंगे इस दिशा में सरकार निरंतर प्रयासरत है।
कुलपति मनमोहन सिंह चौहान, निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ अनिल शर्मा, निदेशक शोध डॉ ए. एस नैन, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला कृषि निदेशक गौरीशंकर संयुक्त निदेशक केसी पाठक, जिला महामंत्री अमित नारंग,विवेक सक्सेना सहित कई लोग उपस्थित रहे।