देहरादून, 11 मई: कृषि मंत्री गणेश जोशी द्वारा ‘‘उत्तराखण्ड में भंगजीरा (Perilla) को नगदी फसल के रुप में शुभारम्भ’’ किया गया। सगन्ध पौधा केन्द्र, सेलाकुई, (कैप) आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता स्थानीय विधायक सहदेव पुण्डीर द्वारा की गई। कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री द्वारा राज्य के विभिन्न जनपदों के दूरस्थ क्षेत्रों से आये कृषकों को भंगजीरा बीज का वितरण भी किया गया।
कृषि मंत्री द्वारा सेलाकुई में नव निर्मित प्रयोगशालाओं यथा एस0सी0एफ0ई0, प्रोसेस डेवलपमेन्ट एवं वैल्यू एडिशन, प्लांट साइन्स, प्रोडक्ट डेवलपमेन्ट आदि का भ्रमण भी किया तथा वर्तमान में संचालित शोध एवं विकास कार्यक्रमों के बारे में जानकारी प्राप्त की। तदोपरान्त प्रदर्शन फार्म तथा प्रयोगात्मक फार्म में रोपित विभिन्न सगन्ध प्रजातियों का भी अवलोकन कर उनके आर्थिकी लाभ एवं उपयोगिता के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की।
डा0 नृपेन्द्र चौहान, कैप, निदेशक द्वारा अतिथियों का स्वागत करते हुये कैप द्वारा राज्य के एरोमैटिक सेक्टर में किये गये कार्यो की प्रगति से अवगत कराया गया कि वर्ष 2002 में एरोमैटिक सेक्टर का टर्नओवर लगभग 02 करोड था, जो कि आज बढकर 82 करोड प्रतिवर्ष हो गया है। अब तक लगभग 7200 हे0 भूमि में 21000 से अधिक किसानों द्वारा एरोमैटिक फसलों की खेती की जा रही है। तदोपरान्त डा0 सुनील साह, वैज्ञानिक-डी द्वारा पैरिला प्रजाति की आर्थिकी के सम्बन्ध में उपस्थित प्रतिभागियों को एक प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत किया गया।
कृषि ने कहा कि वैज्ञानिकों द्वारा किये जा रहे शोध एवं विकास कार्य को किसानों के खेत तक ले जाकर राज्य में हो रहे पलायन को रोका जा सकता है। राज्य की बिखरी जोत को स्वैच्छिक चकबन्दी से पुनः आबाद किया जा सकता है। इसके लिए प्रत्येक अधिकारी/कर्मचारी को पूर्ण जिम्मेदारी से कार्य करना होगा। किसानों एवं विभागीय अधिकारियों का सदैव सीधा संवाद होना चाहिए, जिस हेतु इस माह के अन्त तक कॉल सेन्टर स्थापना उपरान्त, कार्य करना आरम्भ कर देगा। उन्होंने वैज्ञानिकों को निर्देशित किया कि पैरिला की खेती से प्रतिवर्ष आय को बढ़ाने हेतु आवश्यक प्रयास करने के साथ ही माध्यमिक स्तर के स्कूली विद्यार्थियों को सगन्ध प्रजातियों की जानकारी हेतु कैप के भ्रमण हेतु कार्यक्रम चलाये जाय।
इस अवसर पर पैरिला की खेती हेतु चयनित जनपद अल्मोडा, बागेश्वर, चम्पावत, टिहरी, पौडी, नैनीताल, रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, देहरादून आदि के 83 किसानों के साथ ही आशा नौटियाल, पूर्व विधायक, केदारनाथ, डा0 राम बिलास यादव, अपर सचिव, कृषि एवं कृषक कल्याण, डी0पी0उनियाल, डा0 हेमा लोहनी, वैज्ञानिक सलाहकार, श्री ए0के0यादव, निदेशक, रेशम, श्री दिनेश कुमार, संयुक्त निदेशक, कृषि, श्री आर0के0यादव, वैज्ञानिक-सी कैप, डा0 हैदर, वैज्ञानिक-बी, डा0 पंकज, उपस्थित रहे।