देहरादून। राष्ट्रीय महामंत्री महिला मोर्चा दीप्ति रावत ने आज भाजपा प्रदेश कार्यालय देहरादून में प्रेस वार्ता करते हुए कांग्रेस पार्टी के ऊपर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि महिलाएं केवल वोट बैंक के लिए नहीं है। कांग्रेस पार्टी का दोहरा चेहरा सामने आया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय एक तरफ कह रहे हैं कि 70 विधानसभाओं में महिलाओं को टिकट देंगे वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष गणेश गोदियाल कह रहे हैं कि वह ना महिला ना युवा सिर्फ जिताऊ कैंडिडेट को ही टिकट देंगे। इससे साफ़ हो जाता है कि कांग्रेस मानसिकता महिला विरोधी है।
जबकि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस 40प्रतिशत महिलाओं को टिकट देने की बात करती वहीं उत्तराखंड की महिलाओं के प्रति यह कांग्रेस पार्टी परहेज़ जता रही है। तो क्या मान लिया जाए कि कांग्रेस पार्टी ने महिलाओं को केवल वोट बैंक समझ रखा है? मैं कांग्रेस पार्टी से उत्तराखंड में स्थिति स्पष्ट करने की मांग करती हूं। भारतीय जनता पार्टी द्वारा जो भी कार्यक्रम व योजनाएं चलाई जाती हैं वह हमारी बहनों से जुड़ी हुई होती है। कांग्रेस पार्टी को यही बात खलती है कि महिलाएं खुद को मोदी जी के साथ जुड़ी हुई क्यों समझती है। 70 सालों में कांग्रेस ने महिलाओं को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मुहैया कराई। महिलाओं की सबसे मूलभूत सुविधा शौचालय जिसकी जरूरत थी वह अगर किसी को याद आया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को।
चाहे महिलाओं को धुए से निजात दिलाने की बात हो, जैन धन द्वारा आर्थिक रूप से मज़बूत करने की बात हो या कोविड-19 दौरान जब लोग आर्थिक रूप से कमजोर हो चुके थे उन 80 करोड़ लोगों के घर पर फ्री राशन पहुंचाने का काम हो – यह तमाम योजनाएँ लागू करके माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का हर घर से जुड़ाव है। और वहीं एक कांग्रेसी पार्टी है जिसने आज प्रदेश में अपनी महिला विरोधी मानसिकता को सार्वजनिक कर दिया है।Attachments area