देहरादून। शहर में छोटे बच्चों में बुखार और दर्द के साथ शरीर में फफोले व दाने निकल रहे हैं, मेडिकल साइंस की भाषा में इसे एचएफएमडी के नाम से जाना जाता है। बाल रोग विशेषज्ञों के मुताबिक, यह एक वायरल बीमारी है और इसके एक से दूसरे बच्चे में फैलने का अत्यधिक खतरा रहता है। शहर के विभिन्न निजी और सरकारी अस्पतालों में ऐसे मरीज आ रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, छह साल से कम उम्र वाले बच्चों को यह दिक्कत ज्यादा होती है। इसमें तेज बुखार आना, गले में दर्द, खाना खाने में दिक्कत, मुंह के बाहर-भीतर दाने अथवा छाले होने लगते हैं।इसके अलावा हाथ और पैरों पर फफोलेदार दाने भी आने लग जाते हैं।
हैंड, फुट-माउथ डिजीज पर किन बातों का रखें ध्यान? अगर किसी बच्चे को यह लक्षण आएं तो तुरंत डाक्टर को दिखाएं और स्कूल या ट्यूशन आदि जगह न भेजें। ताकि अन्य बच्चों में यह बीमारी न फैले।इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए तरल पदार्थ, फल का सेवल अधिक कराएं। बार-बार हाथ धोएं और मास्क लगाकर रखें। वयस्कों में इसके फैलने की संभावना बहुत कम रहती है। यह एक बच्चे से 10 बच्चों को संक्रमित कर सकता है।किसी बच्चे को यह दिक्कत होती है तो तुरंत डाक्टर को दिखाकर बच्चे को घर में क्वारंटाइन कर लें,छह-सात दिन के उपचार से बच्चा ठीक हो जाएगा। दून मेडिकल कालेज अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. विशाल कौशिक ने बताया कि एचएफएमडी (Hand Foot Mouth Disease) से पीड़ित बच्चे अस्पताल पहुंच रहे हैं। यह बीमारी तेजी से फैल रही है। एक ओपीडी में औसतन चार-पांच मरीज रोजाना आ रहे हैं। डा. विशाल कौशिक ने बताया कि मुंह में छाले आने के कारण बच्चा खाना भी ठीक से नहीं खा पाते हैं। दानों में तेज दर्द होने से मरीज परेशान रहते हैं।