देहरादून। बड़े हर्ष के साथ साझा करना है कि नैक द्वारा किये गये मूल्यांकन में सर्वाधिक अंक प्राप्त कर उत्तरांचल विश्वविद्यालय उत्तराखण्ड का अग्रणी विश्वविद्यालय बन गया है। यह बात आज एक पत्रकार वार्ता के दौरान उत्तरांचल विश्वविद्यालय के उपकुलपति राजेश बहुगुणा ने एक स्थानीय होटल मे आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कही। पत्रकारों से वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि उत्तरांचल विश्वविद्यालय राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद द्वारा विश्वविद्यालय को श्रेणी में रखा है उन्होंने बताया कि विदित हो कि अब तक उत्तराखण्ड के 30 संस्थानों द्वारा नैक के मूल्यांकन हेतू आवेदन किया है। नैक की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के अनुसार अब तक उत्तरांचल विश्वविद्यालय के अतिरिक्त किसी भी विश्वविद्यालय को नहीं मिला है।
उल्लेखनीय है कि उत्तरांचल विश्वविद्यालय की स्थापना उत्तराखण्ड सरकार द्वारा पारित अधिनियम के माध्यम से वर्ष 2013 में की गई थी। अपनी स्थापना के एक वर्ष के भीतर ही विश्वविद्यालय को यू0जी0सी के द्वारा 2थ् की श्रेणी में पंजीकृत कर दिया गया।
उन्होंने यह भी कहा कि तत्पश्चात वर्ष 2021 में उत्तरांचल विश्वविद्यालय 12ठ में स्थान पाने वाला उत्तराखण्ड का प्रथम निजी विश्वविद्यालय बना और सरकारी वित्तीय सहायता विशेषकर शोधग्राण्ट की दृष्टि से सरकारी विश्वविद्यालयों के समतुल्य हो गया।
इसी क्रम में विश्वविद्यालय द्वारा 14 दिसम्बर 2020 को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन हेतु आवेदन किया था और समस्त वांछित दस्तावेज परिषद के समक्ष प्रस्तुत किये। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद द्वारा विश्वविद्यालय का स्थल निरिक्षण एवं मूल्यांकन हेतु 7 सदस्य टिम का गठन किया गया। शिक्षाविद्ो और विषय विशेषज्ञों की इस टिम ने 4 से 6 जनवरी 2022 तक विश्वविद्यालय का स्थल निरिक्षण किया, कार्यकलापों को देखा और दस्तावेजों का सत्यापन परिशद द्वारा निर्धारित 7 कठोर मापदण्डों पर किया।
उत्तरांचल विश्वविद्यालय नैक द्वारा निर्धारित हर कसौटी पर खरा उतरा व तमाम कसौटियों पर परखने के बाद निरिक्षण समिति ने विश्वविद्यालय को अव्वल पाया व ।़ की श्रेणी से नवाजा।
उत्तरांचल विश्वविद्यालय की अभूतपूर्व उपलब्धि ने विश्वविद्यालय को जहाँ एक और देश के चुनिंदा विश्वविद्यालयों की श्रेणी में खड़ा कर दिया वहीं दूसरी और उत्तराखण्ड भी उच्च शिक्षा की दिशा में एक कदम आगे बड़ा और राष्ट्रीय स्तर पर मान बड़ा। विश्विद्यालय के कुलाधिपति श्री जितेन्द्र जोशी जी ने इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय विश्वविद्यालय के शिक्षकों, शोधकर्ताओं, कर्मचारियों व छात्रों को दिया। पत्रकार वार्ता को विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री जितेन्द्र जोशी व उपकुलपति प्रो0 राजेश बहुगुणा ने सम्बोधित किया।